नई दिल्ली: महागठबंधन तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले नितीश कुमार ने बिहार में राजनीति के सभी समीकरण बदल कर रख दिए हैं. ऐसे में जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव नितीश कुमार से काफी नाराज़ चल रहे हैं. इस नाराजगी की वजह से ये सवाल उठने लगे थे कि अब वो जदयू छोड़कर नई पार्टी बना सकते हैं लेकिन अब उन्होंने इस मामले में अपनी चुप्पी तोड़ दी है.
शरद यादव ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि वो पार्टी के स्थापना काल से ही वे इसके सदस्य हैं, वे इसे कैसे छोड़ सकते हैं। एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि अभी उनके बिहार के दौरे पर जाने जैसी भी कोई बात नहीं है, न ही वे पांच अगस्त को पटना आकर जदयू के नाराज नेताओं के साथ नई पार्टी बनाने का एलान करने जा रहे हैं। ये सब बेवजह की बातें हैं।
उन्होंने 8 अगस्त को बिहार दौरे पर आने वाली बात को भी खारिज कर दिया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि शरद यादव तेजस्वी की सभाओं में साथ होंगे और पूरे बिहार की यात्रा करेंगे।
बता दें कि गुरुवार को राजद अध्यक्ष लालू यादव ने रांची में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि 9 अगस्त से तेजस्वी रैली करेंगे और बिहार के कोने-कोने में जाकर महागठबंधन के टूटने की सच्चाई बताएंगे। लालू ने कहा था कि इसमें शरद यादव भी तेजस्वी के साथ होंगे। शरद ने साफ तौर से इससे इन्कार किया है। कहा है कि लालू की इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। यह महज अफवाह है।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के टूटने का दुख तो है, लेकिन जदयू से अलग पार्टी बनाने की बात पूरी तरह गलत है। दरअसल मेरे एक पुराने सहयोगी विजय वर्मा ने एेसा कहा था, क्योंकि वे भी महागठबंधन टूटने और जदयू के बीजेपी के साथ जाने से दुखी हैं। शरद ने कहा कि बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद जनता ने महागठबंधन को जनादेश दिया था।