सात साल तक कंप्यूटर की दुनिया पर हावी रहने के  बाद अब माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज एक्सपी अपने अंत के  करीब पहुंच गया है.  माइक्रोसॉफ्ट ने जनवरी 2009 से ही एक्सपी को मार्केट से हटा लिया है और दो नए प्रोडक्ट विस्टा और विंडोज 7 को लांच किया है.  माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम से देश भर में कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाले परेशान हैं.  उनके  सवाल भी ला़जिमी है. क्या उनको अपना कंप्यूटर बदलना होगा?  विंडोज एक्सपी के  अपडेट कब तक माइक्रोसॉफ्ट मुहैया कराता रहेगा. कहीं माइक्रोसॉफ्ट नए ऑपरेटिंग सिस्टेम को थोप तो नहीं रहा. हमने जब उपभोक्ताओं के इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश की तो हमें कंपनी, रीटेल विक्रेता और कंप्यूटर एक्सपर्ट से कई जानकारियां मिली. सबसे पहली  कि माइक्रोसॉफ्ट ने एक्सपी के अंत का एलान कर दिया है. जिसका मतलब कि अब वो ऑपरेटिंग सिसटेम विंडोज एक्सपी बाजार में नहीं बेचेगा. माइक्रोसॉफ्ट से आगे पड़ताल करने पर कि दिल्ली में विंडोज एक्सपी धड़ल्ले से बिक रहा है और उस पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है तो कंपनी   की तरफ से जानकारी दी गई कि रिटेल विक्रेता अपना स्टॉक क्लीयर कर रहे हैं और अगले कुछ महीनों तक वो पुराने स्टॉक को बेचते रहेंगे. अब सवाल यह  है कि क्या आज की तारीख में विंडोज एक्सपी खरीदना उचित होगा. नए  कंप्यूटर के साथ विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल करने पर क्या दिक्कतें आ सकती है. उन दिक्कतों से बचने के लिए क्या किया जा  सकता है. भारत में बिकने वाले ज्यादातर कंप्यूटर हार्डवेयर विंडोज एक्सपी के साथ चलने के  लिए निर्मित हैं. पिछले सात सालों में विंडोज एक्सपी के सहारे ही कंप्यूटर की बिक्री आसमान पर पहुंची है. बाजार से विंडोज एक्सपी हटाने में सबसे बड़ी समस्या हार्डवेयर की है. विंडोज़ 7 और विस्टा आपकी पुरानी मशीनों पर आसानी से नहीं इंस्टाल हो सकती है. इसके  साथ ही कंप्यूटर के साथ इस्तेमाल हो रही अन्य मशीनें मसलन प्रिंटर, स्कैनर इत्यादि के ड्राइवर्स बाज़ार  में नहीं है.  या तो वो अभी तक बनाए नहीं गए और अगर बने हैं तो उनकी कीमत बहुत अधिक है. इसके साथ ही दोनों नए ऑपरेटिंग सिस्टम पुराने एडमिनिस्ट्रेशन को चलाने में ज्यादा कारगर नहीं हैं. इसलिए अगर आप एक्सपी को छोड़कर नए ऑपरेटिंग सिस्टम को आज़माना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने पुराने कंप्यूटर की जांच करनी होगी कि क्या वो नए ऑपरेटिंग सिस्टम को सपोर्ट करेगा. इसके  लिए जानकारी के  साथ साथ परीक्षण माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट पर किया जा सकता है. हममें से ज्यादातर लोग विंडोज एक्सपी पर काम करने के आदी हो चुके है. रोज़मर्रा के  कामकाज में आने वाली दिक्कतों को आज हम खुद ही हल कर लेते हैं.बडी दिक्कतों को हल करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट समय- समय पर अपडेट देता रहता है.  हमने अपडेट के  बारे में जब माइक्रोसॉफ्ट से जानकारी ली तो उसका दावा है कि वो 2010 तक इस सुविधा को जारी रखेगा और लोगों की दिक्कतों को दूर करता रहेगा. लेकिन यह भी तय है कि माइक्रोसॉफ्ट की कोशिश रहेगी कि जल्द से जल्द भारत में भी कंप्यूटर यूज़र्स विंडोस 7 और विंडोज़ विस्टा का इस्तेमाल शुरू कर दें.  लिहाजा आने वाले दिनों में एक्सपी की किसी बड़ी समस्या को तो माइक्रोसॉफ्ट ज़रूर हल करेगा, लेकिन समय के साथ-साथ उसका खत्म होना भी तय है. मसलन, आने वाले दिनों में एक्सपी के लिए सहायक सॉफ्टवेयर बनने बंद हो जाएंगे.  एंटी वायरस कंपनियों की प्राथमिकता से भी एक्सपी हट जाएगा और एक्सपी को लगातार सात साल से इस्तेमाल कर रहे लोगों को अब इसके सहारे काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

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