भोपाल। रेत माफियाओं से अफसरों का गठजोड़ नए नए कारनामे दिखा रहा है। बरसों से चल रहे अवैध खनन पर लगातार झूठ बोलते रहे खनिज अफसरों और कर्मचारियों ने करीब 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की एक करोड़ टन अवैध रेत गायब कर दी है। ये रेत नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेघा पाटकर और विधायक डॉ हीरालाल अलावा द्वारा किए गए ओचक छापामारी के दौरान पकड़ी गई थी।

मेघा पाटकर ने इस बारे में धार कलेक्टर को लिखे पत्र में इस बारे में अवगत कराया है। उन्होंने लिखा है कि वे 9 जून को विधायक हीरालाल अलावा के साथ मनावर तहसील के ग्राम रतवा पहुंची थीं। वहां अवैध रेत खनन पाया गया था। अवैध रेत खननकर्ताओं ने अवैध खनन के लिए एक पोकलेन मशीन झाड़ियों की बिच छुपाई हुई थी। उसे नायब तहसीलदार नेहा शाह, बाकानेर चौकी प्रभारी नारायण रावल, राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी राजेश पटेल, राधेश्याम मुवेल पूर्व पटवारी मौके पंहुचे थे।

उन सब की उपस्थिति में पोकलेन मशीन जप्ती एवं अवैध रेत स्टॉक, 3 रेत छानने के बड़े चालनों की जप्ती का मौका पंचनामा नेहा मैडम ने बनाया गया था। मेघा पाटकर ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि जिस जगह पर अवैध रेत का खनन किया गया है, वहाँ करीब 10 हेक्टर से अधिक भूमिपर पोकलेन मशीन एवं जेसीबी मशीनों से खुदाई कर अवैध रेत निकाली है। इस खनन की गई जमीन से करीबन एक करोड़ टन अवैध रेत निकाली गई है, जिसका मूल्य करीब 30 करोड़ रुपए है।

मशीनें ले भागे माफिया
पाटकर ने कलेक्टर को बताया है कि अवैध खनन वाले स्थान पर पोकलेन मशीन के अलावा जेसीबी मशीनें भी थीं, जो वहां से खननकर्ता लेकर भाग गए। इनमें से एक मशीन राहुल पिता राजेंद्र ग्राम मलनगाँव, एक मशीन सचिन पिता रामसिंह, एक मशीन पवन पिता अलोक निवासी ग्राम रतवा द्वारा अवैध रेत खनन कार्य में चलाई जा रही थी। दशरथ पिता दरियाव सिंह निवासी रतवा अवैध खननकर्ताओं से एक ट्राली 1200 रुपए वसूल करने का कार्य करता था।

10 बाद भी नहीं हुई जब्ती
पाटकर ने लिखा है कि पोकलेन मशीन जप्त कर अब तक बाकानेर पुलिस चौकी पर नहीं लाइ गई है। इसके अलावा अवैध खनन कर्ताओं के खिलाफ खनिज अधिकारी मोहन सिंह खातेडिया एवं अनुविभागीय अधिकारी राहुल चौहान ने अब तक कोई दंडात्मक और मशीन राजसात करने की कानूनी कार्यवाही भी नही की है।

अदालत से लगी है खनन पर रोक
कलेक्टर को जानकारी देते हुए मेघा पाटकर ने लिखा है कि यह जमीन सरदार सरोवर के लिए भूअर्जित होते हुए एनवीडीए के कार्यपालन यंत्री राजन गुप्ता के कब्जे में है।| उस जमीन पर कोई ठेका नहीं दिया गया है। मप्र उच्च न्यायालय में लगी याचिका (w.p.NO.18183/2014) में आई 06/05/2015 के आदेश अनुसार अवैध रेत खनन पर रोक है क्योकि उसका कानूनी आधार नर्मदा जल न्यायाधिकरण का फैसला है।
मेघा पाटकर ने कलेक्टर से मांग की है कि पोकलेन मशीन को तत्काल राजसात किया जाए। अन्यथा अगर रेत माफिया इस पोकलेन मशीन को कहीं अन्य स्थान पर लेकर गए तो इसकी जिम्मेदारी राज्य शासन की या आपकी रहेगी। पोकलेन मशीन सबसे पहले बाकानेर पुलिस चौकी पर पंहुचाई जाए और उसके बाद उसका निपटारा कानूनन किया जाए।

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