विकॉनफेडरेट सेना के कैंप में जाने के लिए सारा ने एक नीग्रो आदमी का रूप धरा था. इसके लिए उन्होंने अपने चमड़ी सिल्वर नाइट्रेट के जरिये काली कर ली थी और बालों में घुंघराला काला विग लगाया हुआ था. उन्होंने अपना नाम कफ रखा था. एक बार ऐसा हुआ था कि वे कॉनफेडरेट आर्मी में महिला बनकर फल बेचती रहती थीं और गोपनीय सूचनाएं संघीय सेनाओें को पहुंचाया करती थीं.

index-lgनाटक की दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाने वाले विलियम शेक्सपियर की कृतियों का जब मंचन किया जाता था तो महिलाओें के वेश के लिए भी पुरुष ही रूप बदलकर मंचन करते थे. महिलाओं को उस समय नाटक में हिस्सा नहीं लेने दिया जाता था. यह सोलहवीं सदी की पश्चिमी सभ्यता थी.वक्त बदला तो 18वीं सदी में अमेरिका में एक ऐसी महिला भी आई जिसने पुरुषों का रूप धारण कर अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान संघीय सेनाओं की काफी मदद की थी.
सारा एमा एडमंड कनाडाई युवती थीं जिन्हें अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान पुरुष वेश में युद्ध लड़ने के कारण याद किया जाता है. उन्हें रूप बदलने का महारथी माना जाता था. उनके कारनामों के बारे में‘नर्स एंड स्पाई इन द यूनियन आर्मी’ नामक किताब में काफी विस्तृत रूप से बताया गया है. उनके इन्हीं कारनामों की वजह से साल 1992 में सम्मानस्वरूप मिशिगन वीमेन्स हॉल ऑफ फेम में उन्हें जगह दी गई थी. दरअसल अपने रूप बदलने की कला की वजह से पुरुष बन सारा विरोधी खेमें में भी शामिल हो जाती थीं और गोपनीय सूचनाएं संघीय सेनाओं तक पहुंचा दिया करती थीं.
सारा बचपन से साहसी कारनामें किया करती थीं. साहस के शुरुआती बीज सारा में तब पड़े जब उन्होंने मैटूरिट मूरे बलाउ की किताब फैनी कैंबेल पढ़ी. इस किताब में फैनी कैंबेल, जो महिला समुद्री डाकू थी, के बारे में बताया गया था कि आखिर कैसे वह समुद्री जहाजों को रूप बदल कर लूटा करती थी. उस किताब में फैनी का वर्णन एक पुरुष के रूप में ही किया गया था जबकि वह एक महिला थी. फैनी और भी दूसरे साहसिक कार्य पुरुषों के वेश में ही किया करती थी. यहीं से सारा के दिमाग में भी पुरुष वेश धारण करने का विचार कौंधा था.
अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान सारा की भी इच्छा हुई कि वे इस युद्ध में हिस्सा लें. इसके लिए मिशिगन इंफैंट्री में आवेदन किया लेकिन उन्हें नहीं लिया गया. उन्होंने फिर दूसरा प्रयास किया. वे चयनित हो गईं. दोनों ही बार उन्होंने अपनी पहचान एक पुरुष के रूप में रखी और पुरुषों के जैसा रूप भी बनाया हुआ था. दरअसल उस समय अमेरिकी संघीय सेना की तरफ से गृह युद्ध में हिस्सा लेने के लिए सेना स्वयंसेवकों की तलाश कर रही थीं. सारा ने उसी के तहत आवेदन किया था. उन्होंने आवेदन फॉर्म में अपना नाम फै्रंकलिन फ्लिंट थांपसन रखा था. शुरुआत में उन्हें पुरुष नर्स के तौर पर सेना में नौकरी दी गई थी और उन्हें इसी काम के लिए सेवा का मौका भी दिया गया.
फ्रैंकलिन थांपसन का रूप धरे सारा को जल्दी ही अपनी काबिलियत साबित करने का मौका मिला जब वर्जिनिया में लड़ाई के दौरान उनके मित्र की पहचान जासूस के रूप में विरोधी सेनाओं ने कर ली. उनके मित्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सारा ने अपने आलाधिकारियों से संपर्क साधा और उन्हें बताया कि जासूस मित्र की मौत हो चुकी है. उसे विरोधी सेनाओं ने मौत के घाट उतार दिया है. संघीय अधिकारियों के लिए भी यह किसी चुनौती से कम नहीं था कि किसी व्यक्ति को वे तुरंत जासूस के रूप में वर्जिनिया में नियुक्त करें. सारा ने इस पद के लिए आवेदन किया और अपने अधिकारियों को इस बात का भरोसा दिलाया कि वे जासूस के रूप में बेहतर काम कर सकती हैं. इस तरह फैंकलिन का रूप धरे सारा को विरोधियों के खिलाफ जासूसी करने का काम मिल गया जो उनके लिए किसी सपने के पूरा होने से कम नहीं था.विरोधी खेमे में जासूसी के दौरान सारा को अपना रूप कई बार बदलना पड़ा. ऐसा पहला वाकया तब हुआ जब सारा को कॉनफेडरेट आर्मी के बीच पड़ा. कॉनफेडरेट राज्य अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान वे राज्य थे जिन्होंने अमेरिकी संघ के विरुद्ध बगावत की थी. कॉनफेडरेट सेना के कैंप में जाने के लिए सारा ने एक नीग्रो आदमी का रूप धरा था. इसके लिए उन्होंने अपने चमड़ी सिल्वर नाइट्रेट के जरिये काली कर ली थी और बालों में घुंघराला काला विग लगाया हुआ था. उन्होंने अपना नाम कफ रखा था. इसके अलावा भी कई मौकों पर उन्होंने कॉनफेडरेट आर्मी को चकमा दिया था. एक बार ऐसा हुआ था कि वे कॉनफेडरेट आर्मी में महिला बनकर फल बेचती रहती थीं और गोपनीय सूचनाएं संघीय सेनाओें को पहुंचाया करती थीं.
सारा के करियर में मुश्किल मोड़ तब आया जब उन्हें मलेरिया हो गया था. उन्हें इस बात का भय हो गया कि अगर वे वापस अपने कैंप लौटती हैं तो उन्हें मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा. जहां जांच के दौरान यह बात सबके सामने खुल जाएगी कि वे एक महिला हैं न कि पुरुष. इस भय से उन्होंने एक प्राइवेट नर्सिंग होम में अपना इलाज करवाया. लेकिन सबसे दुखद बात तो यह हुई कि जब वे वापस लौटीं तो हर तरफ इस बात के पोस्टर लगे हुए कि फ्रैंकलिन एक भगोड़ा है. तब उन्होंने यह निश्चय किया वे सेना के लिए काम नहीं करेंगी क्योंकि अगर वे फैं्रकलिन के रूप में सेना के कैंप में वापस लौटतीं तो इस बात का खतरा था कि उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता. उन्होंने दूसरा रास्ता निकाला और एक महिला नर्स के रूप में वाशिंगटन में ही काम करना शुरू कर दिया.
हालांकि फ्रैंक के रूप में सारा के काम की उनके कई सहकर्मियों ने काफी प्रशंसा की. कई सहकर्मियों की किताबो में इस बात का जिक्र किया गया कि फैं्रक एक बेहतरीन जासूस और सैनिक था. गृह युद्ध के बाद सारा ने एक कनाडाई नागरिक से शादी की जिनसे उन्हें तीन बच्चे हुए. सारा पर एक किताब भी आई जो बेस्ट सेलर साबित हुई. सारा को अमेरिकी सरकार की तरफ से पेंशन भी दी जाती थी. उनके कारनामों को लोगों के बीच कई सालों तक याद रखा गया. आज भी अमेरिकी गृह युद्ध में हिस्सा लेने के लिए सारा को अमेरिकी इतिहास में गर्व के साथ याद किया जाता है.

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