जेएनयू और रामजस के छात्रों के बीच हुई झड़प के बाद अपने फेसबुक पोस्ट को लेकर चर्चा में आई गुरमेहर ने यूं तो अब खुद को इस विवाद से अलग कर लिया है. लेकिन छात्र राजनीति के मुद्दों से निकले उनके बयान ने मुख्यधारा की सियासत में टकराव को जन्म दे दिया है. यह टकराव सोशल मीडिया में भी साफ नजर आ रहा है, जहां एक तरफ गुरमेहर के बयान को अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़ा जा रहा है, वहीं दूसरा धड़ा उन्हें देशद्रोही साबित करने पर तुला हुआ है.

आजाद भारत में अभिव्यक्ति की आजादी और छात्र राजनीति का एक सार्थक इतिहास रहा है, लेकिन हाल के दिनों में इन दोनों की आड़ में जिस तरह से सियासी रोटियां सेंकी जा रही है, उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता.

मंगलवार सुबह गुरमेहर ने ट्वीट करके कहा, मैं कैम्पेन से अलग हो रही हूं. सभी को बधाई. मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि मुझे अकेला छोड़ दिया जाए. मुझे जो कहना था, कह दिया है. मैंने बहुत कुछ सहा है और 20 साल की उम्र में इतना ही मैं सह सकती थी. यह कैम्पेन मेरे बारे में नहीं, स्टूडेंट्स के बारे में है. प्लीज, बड़ी तादाद में इसमें शिरकत करें, सभी को शुभकामनाएं.

इस विवाद से खुद को अलग करने के ऐलान के साथ गुलमेहर ने लोगों और छात्रों से अपील की है कि वे आज होने वाले आईसा के प्रदर्शन में हिस्सा लें. गौरतलब है कि सोमवार कोAएबीवीपी ने तिरंगा मार्च निकाला था और आज आईसा पब्लिक प्रोटेस्ट मार्च निकाल रही है. छात्र राजनीति की इस लड़ाई में अब बड़े सियासी दिग्गज भी जमीन तलासने लगे हैं.

खबर है कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह आईसा के प्रोटेस्ट मार्च में शामिल हो सकते हैं. आईसा के मार्च में कांग्रेस के कई अन्य बड़े नेताओं के भी शामिल हाने की खबर है. वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सिलसिले में दिल्ली के उप-राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. गुरमेहर कौर को सोशल मीडिया पर मिली रेप की धमकियों को लेकर एबीवीपी को निशाने पर लेते हुए केजरीवाल ने मंगलवार सुबह एक ट्वीट को कोट करते हुए कहा कि ये देश विरोधी नारे भाजपा/Aएबीवीपी वाले खुद ही लगवाते हैं.

गुरमेहर के समर्थन में बयान देने को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं को भाजपा आड़े हाथों ले रही है. राहुल पर निशाना साधते हुए पीएमओ में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, राहुल गांधी को यह साफ करना चाहिए कि क्या वह और उनका पार्टी नेतृत्व उनके कुछ सहयोगियों द्वारा दिए गए बयान का समर्थन करते हैं? उधर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी गुरमेहर का समर्थन किया है.

उन्होंने कहा, मैं आपके साथ हूं और जो भी लोग अपने अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में हैं, मैं उन सभी के साथ हूं्. राष्ट्र को आप पर गर्व है कि आप फासीवादी ताकतों से लड़ रही हैं. सोमवार को भी दो केंद्रीय मंत्रियों ने इस मामले में गुलमेहर और उनका साथ देने वालों को कठघरे में खड़ा किया था. गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने ट्विटर पर लिखा, इस स्टूडेंट का दिमाग किसने खराब किया? नेशनलिज्म को डिफाइन नहीं किया जा सकता. लेकिन जिसने अफजल गुरु और आतंकियों की तरह देश बांटने की कोशिश की, उसे तो एंटी-नेशनल ही माना जाएगा. वहीं, वेंकैया नायडू ने कहा, आप मेजॉरिटी से अलग बोलते हैं, वहां तक तो ठीक है, लेकिन बांटने की बात करना स्वीकार्य नहीं है. कुछ लोग यंग जनरेशन को बहका रहे हैं. इससे लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है.

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