‘चौथी दुनिया’ ने दो महीने पहले ही बिखेर दी थीं हवाला सरगना मोईन कुरैशी के तिलस्म की खीलें, कुरैशी को बचाने में लगे हैं हितैषी
- मोईन कुरैशी की गिरफ्तारी से छटपटाए नेता-नौकरशाह
काले धन को सफेद करने वाला अंतरराष्ट्रीय धंधेबाज मोईन अख्तर कुरैशी आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में कुरैशी ने वे सारे तथ्य उगल दिए, जो अभी तक सीबीआई या इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट की छानबीन का हिस्सा थे. ‘चौथी दुनिया’ ने 31 जुलाई 2017 के अंक में मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला धंधे के सरगना मोईन कुरैशी की दमकती तिलस्मी दुनिया की खीलें बिखेरी थीं, जिनमें नेता, नौकरशाह, फिल्मकार और संवैधानिक कुर्सी पर धंसने वाले राज्यपाल तक के नाम सार्वजनिक स्तर पर छितरा गए थे.
मोईन कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद अब सब लोग बताने, दिखाने और छापने लगे कि हवाला सरगना को संरक्षण देने और उसकी मदद से कालाधन पचाने में केंद्र से लेकर यूपी तक के बड़े नेता और सीबीआई से लेकर यूपी पुलिस तक के बड़े अधिकारी लिप्त रहे हैं. लेकिन नाम बताने से वे अब भी परहेज कर रहे हैं. ‘चौथी दुनिया’ उन सबके नाम दो महीने पहले छाप चुका है.
मीट कारोबार के बहाने हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग का धंधा दुनियाभर में फैलाने वाले मोईन कुरैशी को पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) ने गिरफ्तार किया. कुरैशी ने हवाला कारोबार के जरिए दुनिया के कई देशों में अकूत काला धन भेजा. यह धन नेताओं, नौकरशाहों और व्यापारिक हस्तियों के थे. इससे कुरैशी ने भी जबरदस्त कमाई की. प्रवर्तन निदेशालय ने वर्ष 2015 में ही कुरैशी के खिलाफ विदेशी विनिमय प्रबंध कानून (फेमा) के तहत जांच शुरू की थी. आयकर विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर यह जांच शुरू हुई थी. इन दस्तावेजों में कुरैशी और उसकी पचासों कंपनियों के हवाला कारोबार में लिप्त होने और फेमा कानून का उल्लंघन करने के सबूत मिले थे. इस बात के भी सबूत मिले थे कि देश की नामचीन हस्तियां हवाला सरगना मोईन कुरैशी के इशारे पर नाचती हैं.
मोईन कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद अब जल्दी ही सीबीआई के एक और पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने वाली है. मोईन कुरैशी और रंजीत सिन्हा के गहरे सम्बन्ध रहे हैं. इसी मामले में सीबीआई के एक और पूर्व निदेशक एपी सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है. जांच के दायरे में सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक व यूपी कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जावीद अहमद, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान, प्रसिद्ध फिल्मकार मुजफ्फर अली और इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के ही एक आला अधिकारी राजेश्वर सिंह भी हैं, जिनके मोईन कुरैशी से जुड़े होने की पृष्ठभूमि सामने आई है.
मोईन से जुड़े कांग्रेसी नेताओं की तो लंबी फेहरिस्त है. इन सबकी जांच हो रही है. कुरैशी के मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला के धंधे के तार इतने फैले हैं कि दिल्ली, मुंबई, यूपी, कोलकाता, कर्नाटक, सीबीआई, ईडी से लेकर इंटरपोल तक जाकर जुड़ते हैं. कुरैशी के पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में गहरे लिंक हैं. सीबीआई के संयुक्त निदेशक (पॉलिसी) रहे जावीद अहमद भी जांच के दायरे में हैं, क्योंकि उनके समय में ही मोईन कुरैशी के धंधे की जांच का मसला सीबीआई के सामने आया था और पहले झटके में टाल दिया गया था.
यही वजह है कि सीबीआई में जावीद का प्रमोशन और एक्सटेंशन गृह मंत्रालय के ‘ऑब्जेक्शन’ के कारण रुक गया और उन्हें यूपी कैडर में वापस भेज दिया गया. सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा और मोईन कुरैशी के सम्बन्ध इतने गहरे रहे हैं कि 15 महीने में दोनों की 90 मुलाकातें आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज हैं. पूर्व निदेशक एपी सिंह से भी कुरैशी की ऐसी ही अंतरंग मुलाकातें सीबीआई और ईडी की छानबीन में दर्ज हैं. सीबीआई निदेशक रहते हुए रंजीत सिन्हा ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (सीबीडीटी) पर दबाव डाल कर मोईन कुरैशी के खिलाफ हो रही छानबीन का ब्यौरा जानने और छानबीन की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की थी.
सीबीडीटी के पास रंजीत सिन्हा का वह पत्र भी है, जिसके जरिए उन्होंने छानबीन का ब्यौरा उपलब्ध कराने का औपचारिक दबाव डाला था. बाद में वित्त मंत्री बने अरुण जेटली ने सीबीडीटी को ऐसा करने से मना किया था. एपी सिंह और कुरैशी की अंतरंगता इतनी थी कि सिंह के घर के बेसमेंट से कुरैशी का एक दफ्तर चलता था. एपी सिंह और कुरैशी के बीच ब्लैक-बेरी-मैसेज के आदान-प्रदान की कथा सार्वजनिक हो चुकी है. सीबीआई के दूसरे निदेशक रंजीत सिन्हा के प्रसंग में सीबीआई के दस्तावेज बताते हैं कि मोईन कुरैशी अपनी कार (डीएल-12-सीसी-1138) से कई बार सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा से मिलने उनके घर गया.
कुरैशी की पत्नी नसरीन कुरैशी भी अपनी कार (डीएल-7-सीजी-3436) से कम से कम पांच बार सिन्हा से मिलने गई. कुरैशी दम्पति की दोनों कारें उनकी कंपनी एएमक्यू फ्रोजेन फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम और सी-134, ग्राउंड फ्लोर, डीफेंस कॉलोनी, नई दिल्ली के पते से रजिस्टर्ड हैं. ये दोनों कारें कई बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर भी जाती रही हैं, जिनमें मोईन अपनी पत्नी के साथ रहा है. मोईन कुरैशी की बेटी परनिया कुरैशी की शादी कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के रिश्तेदार अर्जुन प्रसाद से हुई है.
अमेरिका के पेंसिलवानिया में अरबों रुपए की जालसाजी करने वाला जाफर नईम सादिक के कोलकाता के रवींद्र सरणी इलाके में पकड़े जाने के बाद यह रहस्य खुला था कि वह मोईन कुरैशी का ही आदमी है. इंटरपोल की नोटिस पर जाफर नईम भी पकड़ा गया था. बाद में रहस्य खुला कि इंटरपोल की वांटेड-लिस्ट और रेड-कॉर्नर नोटिस से जाफर नईम, दुबई के विनोद करनन और सिराज अब्दुल रज्जाक का नाम हटाने के लिए कुरैशी ने इंटरपोल के तत्कालीन प्रमुख रोनाल्ड के.
नोबल से सिफारिश की थी. नोबल ने यह आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि उसके मोईन कुरैशी परिवार और सीबीआई के तत्कालीन निदेशक एपी सिंह से नजदीकी सम्बन्ध रहे हैं. कुरैशी की सिफारिश को नकारने का दावा करने वाले इंटरपोल प्रमुख रोनाल्ड के. नोबल के भाई जेम्स एल. नोबल जूनियर और भारत से फरार स्वनामधन्य ललित मोदी बिजनेस-पार्टनर हैं. अमेरिका में दोनों का साझा धंधा चलता है.
केंद्रीय खुफिया एजेंसी काले धन की आमद-रफ्त का पूरा नेटवर्क जानने की कोशिश में लगी है. मोईन कुरैशी से जुड़े उन तमाम लोगों के लिंक खंगाले जा रहे हैं, जिनके कभी न कभी मोईन कुरैशी से सम्बन्ध रहे हैं या मोईन कुरैशी का धन उनके धंधे में लगा है. इनमें नेता, अफसर, व्यापारी और फिल्मकारों से लेकर माफिया सरगना तक शामिल हैं. कुरैशी के नजदीकी सम्बन्ध समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से रहे हैं.
आजम खान की बनाई मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी के उद्घाटन के मौके पर मोईन कुरैशी चार्टर हेलीकॉप्टर से रामपुर आया था. सीबीआई गलियारे में चर्चा थी कि आजम खान की युनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय की मान्यता दिलाने में मोईन कुरैशी ने यूपी के अल्पकालिक कार्यकारी राज्यपाल अजीज कुरैशी से सिफारिश की थी. स्वाभाविक है कि इसकी आधिकारिक पुष्टि छानबीन से ही होगी. लेकिन इतना याद करते चलें कि उत्तर प्रदेश के दो निवर्तमान राज्यपालों क्रमशः टीवी राजेस्वर और बीएल जोशी ने मौलाना जौहर अली युनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय का दर्जा देने के विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया था.
जोशी के जाने के बाद और राम नाईक के राज्यपाल बन कर आने के बीच में महज एक महीने के लिए यूपी के कार्यकारी राज्यपाल बनाए गए अजीज कुरैशी ने आनन-फानन मौलाना अली जौहर युनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय की मान्यता के विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए. कुरैशी 17 जून 2014 को यूपी आए, 17 जुलाई 2014 को जौहर विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय की मान्यता दी और 21 जुलाई 2014 को वापस देहरादून चले गए.
मनी लॉन्ड्रिंग सरगना मोईन कुरैशी ने फिल्मकार मुजफ्फर अली की फिल्म ‘जानिसार’ में पैसा लगाया था और उस फिल्म में मोईन की बेटी परनिया कुरैशी हिरोइन थी. ‘जानिसार’ फिल्म के प्रोड्यूसर के बतौर मीरा अली का नाम दिखाया गया, लेकिन सब जानते हैं कि फिल्म में मोईन कुरैशी ने पैसा लगाया था. मोईन के अंतरंगों और उपकृतों की लिस्ट में ऐसे और कई नाम हैं. कांग्रेसियों के नाम तो भरे पड़े हैं. सोनिया गांधी का नाम इनमें शीर्ष पर है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद तो मोईन कुरैशी के रिश्तेदार ही हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल, कमलनाथ, आरपीएन सिंह, मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे कई नेता इस सूची में शुमार हैं.
ये उन नेताओं के नाम हैं, जो मोईन कुरैशी के घर पर नियमित उठने-बैठने वाले रहे हैं. सोनिया के घर पर मोईन परिवार नियमित तौर पर उठता-बैठता रहा है. आयकर विभाग की खुफिया शाखा ने मोईन कुरैशी की विभिन्न हस्तियों से होने वाली टेलीफोनिक बातचीत टेप की थी. यह तकरीबन साढ़े पांच सौ घंटे की रिकॉर्डिंग है. आईटी इंटेलिजेंस के सूत्र जो बताते हैं, उससे लगता है कि कुरैशी का मनी लॉन्ड्रिंग का तंत्र सरकारी सिस्टम को अब भी समानान्तर चुनौती देता रहा है. फोन टैपिंग में केंद्र सरकार के कई मंत्री, यूपी समेत कई राज्य सरकारों के मंत्री, विभिन्न राजनीतिक दलों के कद्दावर नेता, सीबीआई के अधिकारी, बड़े कॉरपोरेट घरानों के अलमबरदार और कई फिल्मी हस्तियां शामिल हैं. इनमें भाजपा के भी कई नेताओं के नाम हैं. एक वरिष्ठ भाजपा नेता की बेटी का नाम भी है और उस भाजपा नेता का भी नाम है, जो मोईन कुरैशी के भाई को रामपुर से टिकट दिलाने की कोशिश कर रहा था.
अपनी बचाने के लिए कुरैशी को बचाना जरूरी
हवाला सरगना मोईन कुरैशी की ऊंची पहुंच का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसकी गिरफ्तारी पर पूरा तंत्र प्रवर्तन निदेशालय के पीछे पड़ गया. कहा जाने लगा कि कुरैशी को अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है. आर्थिक अपराध करने वाले व्यक्ति के बचाव में सारे संवैधानिक अधिकार और मानवाधिकार धड़ाधड़ सामने रखे जाने लगे. कहा जाने लगा कि किसी भी व्यक्ति को कारण बताए बगैर और प्रभावी कानूनी सहायता दिए बगैर हिरासत में नहीं लिया जा सकता. दिल्ली हाईकोर्ट ने तो कुरैशी की गिरफ्तारी पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब-तलब तक कर लिया. यही संरक्षण देश के आम नागरिक को भी मिल पाता, तो देश की यह दशा नहीं होती. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि मोईन के लिंक कई बड़े लोगों और हवाला कारोबारियों से हैं.
प्रवर्तन निदेशालय के सूत्र कहते हैं कि मोईन कुरैशी के मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला धंधे की चपेट में यूपीए शासनकाल के दो मंत्री सीधे तौर पर फंस रहे हैं. आयकर विभाग ने इन नेताओं और कुरैशी के साथ बड़ी धनराशि के लेनदेन के लिंक पकड़े हैं. इन दोनों मंत्रियों के हवाला रैकेट में शामिल होने के सबूत मिले हैं. यूपीए सरकार के कार्यकाल में हुए 2-जी स्कैम में फंसी एक बड़ी कंपनी से ली गई 1,500 करोड़ रुपए की रिश्वत की रकम मोईन कुरैशी ने ही हवाला के जरिए बाहर भेजी थी. पैसे का लेनदेन हांगकांग में हुआ था.
छानबीन में यह बात भी सामने आई है कि मोईन कुरैशी ने हवाला के काम में केंद्रीय खुफिया एजेंसी के अधिकारी के रिश्तेदारों के हांगकांग के बैंक अकाउंट्स का भी इस्तेमाल किया था. आयकर विभाग को उन ट्रांजैक्शंस के ‘ट्रेल’ उपलब्ध हो चुके हैं. जांच में कई और पूर्व मंत्रियों के भी नाम सामने आने की उम्मीद है. मोईन कुरैशी शीर्ष सत्ता गलियारे में दलाली का नेटवर्क फैला कर मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का कारोबार चमका रहा था. सीबीआई के सूत्र कहते हैं कि मोईन कुरैशी के राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में भी संलग्न रहने की आशंका है, जिसकी गहराई से छानबीन चल रही है.
कुरैशी के पाकिस्तान से गहरे लिंक पाए गए हैं, जो खुफिया एजेंसियों की रडार पर हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत से कहा है कि मोईन कुरैशी छानबीन में सहयोग नहीं कर रहा है. उसकी जो कुछ अवैध सम्पत्तियां बरामद की गई हैं, वह उसकी अकूत सम्पत्ति के सामने कुछ भी नहीं है. कुरैशी की कई देशों में आलीशान कोठियां हैं. मोईन कुरैशी का लंदन में साउथ ऑडले स्ट्रीट के चैस्टरफील्ड हाउस में फ्लैट नंबर-4, लंदन में ही पोर्टमैन स्न्वायर पर फिट्जर डिंगे हाउस में फ्लैट नंबर-6, दुबई में शेख जायद रोड पर पारामाउंट में 29वीं मंजिल पर पेंट हाउस (नंबर-2902), दुबई के मरीना में आलीशान फ्लैट और दुबई के विश्वविख्यात बुर्ज खलीफा में आलीशान बेशकीमती फ्लैट, न्यूयॉर्क में सेकंड एवेन्यु अपार्टमेंट में 265 नंबर फ्लैट और सोलो बिल्डिंग अपार्टमेंट में फ्लैट, सिंगापुर में बोलेवार्ड और सनटेक टावर में दो आलीशान फ्लैट्स पाए गए हैं.