प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता में हुई वृद्धि की समीक्षा के लिए आज उच्चस्तरीय बैठक करेंगे। यह बैठक सुबह 11.30 बजे बुलाई गई है। कल ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23,123 करोड़ रुपये की लागत से भारत COVID 19 आपातकालीन प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज के दूसरे चरण को मंजूरी दी है।

इसके तहत हरेक जिले में कम से कम एक मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (एमजीपीएस) के साथ तरल चिकित्सा ऑक्सीजन भंडारण टैंक स्थापित करने का प्रावधान है। देशभर में ऐसी कुल 1050 इकाई स्थापित होनी है।

दो दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये राष्ट्रीय राजधानी में तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (LMO) का बफर स्टॉक बनाने के मामले में केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, दिल्ली सरकार ने बताया है कि उसके पास 419 मीट्रिक टन एलएमओ है।

तीसरी लहर की आशंका के बीच मीटिंग
मोदी की यह हाईलेवल मीटिंग देश में तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच होने जा रही है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगस्त-सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में सरकार देश में दवाओं और ऑक्सीजन जैसे जरूरी संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में जुट गई है।

बीते दिन कोरोना इमरजेंसी पैकेज का एलान किया था

  • इससे पहले मोदी कैबिनेट ने गुरुवार को कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के लिए नए कोरोना इमरजेंसी पैकेज का एलान किया था।
  • 23,220 करोड़ के पैकेज का फोकस बच्चों पर है। इसमें 15,000 करोड़ रुपए का योगदान केंद्र और 8000 करोड़ रुपए का योगदान राज्यों की ओर से किया जाएगा।
  • इसके तहत उन जिलों में 5000 और 2500 बेड वाले फील्ड अस्पताल बनाने का भी प्रावधान है, जिनमें कोरोना मामले ज्यादा आ रहे हों। पैकेज की एक बड़ी बात ये है कि देश के हर जिला अस्पताल में 10,000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता विकसित की जाएगी
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