प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बने नए रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के आलोचकों को घेरा। पीएम मोदी ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पर कुछ लोगों ने भ्रम फैलाने का काम किया है। आज देश देख रहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पीछे हम क्या कर रहे हैं। वक्त से पहले डिफेंस कॉम्प्लेक्स को बनाने का काम पूरा हुआ है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमने कामकाज की नई शैली अपनाई है। मुझे 2014 में आपने सेवा का मौका दिया था। मैं सरकार में आते ही संसद भवन को बनाने का काम शुरू कर सकता था। लेकिन हमने यह रास्ता नहीं चुना। सबसे पहले हमने देश के लिए जान देने वालों के लिए स्मारक बनाना तय किया। आजादी के तुरंत बाद जो काम होना चाहिए था, उसे हम आज कर रहे हैं। देश के दफ्तरों को ठीक करने का बीड़ा उठाया। सबसे पहले हमने देश के शहीदों को सम्मान देने का काम किया।’

पीएम मोदी ने इस दौरान सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट को भी लॉन्च किया।

राजधानी में आधुनिक डिफेंस एन्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा कदम: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि अब केजी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यु में बने ये आधुनिक ऑफिस, राष्ट्र की सुरक्षा से जुड़े हर काम को प्रभावी रूप से चलाने में बहुत मदद करेंगे। राजधानी में आधुनिक डिफेंस एन्क्लेव के निर्माण की तरफ ये बड़ा कदम है।

भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो: पीएम
जब हम राजधानी की बात करते हैं तो वो सिर्फ एक शहर नहीं होता। किसी भी देश की राजधानी उस देश की सोच, संकल्प, सामर्थ्य और संस्कृति का प्रतीक होती है। भारत तो लोकतंत्र की जननी है। इसलिए भारत की राजधानी ऐसी होनी चाहिए, जिसके केंद्र में लोक हो, जनता हो।

राजधानी की आकांक्षाओं के अनुरूप हो रहा काम: पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि राजधानी की आकांक्षाओं के अनुरूप दिल्ली में नए निर्माण पर बीते वर्षों में बहुत जोर दिया गया है। जनप्रतिनिधियों के आवास हों, अंबेडकर की स्मृतियों को सहेजने के प्रयास हों, अनेक नए भवन हों, इन पर लगातार काम किया है।

सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया प्रोजेक्ट
पीएम मोदी ने कहा कि डिफेंस ऑफिस कॉम्प्लेक्स का जो काम 24 महीने में पूरा होना था वो सिर्फ 12 महीने में पूरा किया गया है। वो भी तब जब कोरोना से बनी परिस्थितियों में लेबर से लेकर तमाम दूसरी चुनौतियां सामने थीं। कोरोना काल में सैकड़ों श्रमिकों को इस प्रोजेक्ट में रोजगार मिला है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत बनाई गईं दोनों दफ्तर की इमारतें 
बता दें कि दोनों दफ्तर की इमारतें सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत तैयार हुई हैं। इससे पहले रक्षा मंत्रालय का मुख्य दफ्तर साउथ ब्लॉक के पास था, जबकि बाकी दफ्तर इधर-उधर थे। लेकिन इन्हें अब इन दो इमारतों में समाहित कर दिया जाएगा। दोनों  ही इमारतें अब बनकर पूरी तरह तैयार हैं। अगले कुछ महीनों में कर्मचारी इनमें शिफ्ट हो जाएंगे।

पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं: राजनाथ सिंह
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं। हमारे अधिकारियों को काम करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जगह का  सही उपयोग नहीं हो पा रहा था, यही कारण है कि इस परिसर को लाया गया है। अब 7,000 से अधिक श्रमिकों को इसमें समायोजित किया जा सकता है।  ये परिसर 21वीं सदी की ज़रूरतों के हिसाब से बने हैं और यहां हर तरह की सुविधाएं भी हैं।

 

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