बमुश्किल चार महीने के कार्यकाल में गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लव कुमार का तबादला लोगों को हजम नहीं हो पा रहा है. काफी अर्से बाद लोगों ने जिले में अपराध और अपराधी दोनों को नियंत्रित होते हुए देखा, लेकिन इसका इतनी जल्दी पटाक्षेप हो जाएगा, इसका किसी को भान नहीं था. लोग सवाल भी उछाल रहे हैं कि सरकार अपराध को काबू में करने वालों के साथ है या अपराधियों के साथ है? गोरखपुर के एक विद्यालय में विदाई समारोह के दौरान छात्र व छात्राएं भी इतने भावुक हुए कि छात्रा अनुष्का समेत कई छात्रों ने शपथ ले ली कि वे लव कुमार जैसे ही बनेंगे. कुशीनगर में लव कुमार के कार्यकाल में ही जंगल दस्यु का आतंक खत्म हुआ था और घर-बार छोड़ कर जा चुके लोगों की पुनः घर वापसी संभव हो पाई थी. लोग नेताओं से पूछ रहे हैं कि सरकार ऐसे ही अधिकारियों को तंग क्यों करती है?
गोरखपुर के विन्ध्यवासिनीनगर और अशोकनगर में डबल मर्डर जैसी सनसनीखेज घटनाओं का कम समय में खुलासा कर चर्चा में आए एसएसपी लव कुमार वर्मा का अचानक हुआ तबादला भी चर्चा में है. इसके पहले एसएसपी आकाश कुलहरि और असीम अरुण भी जिले में ऐसे ही मशहूर हुए थे. लव कुमार के स्थानांतरण के बाद अनंत देव तिवारी ने जिले के एसएसपी का पदभार संभाला है. स्थानांतरित एसएसपी लव कुमार से उनके आवास पर मिलने पहुंची भीड़ भी उनकी ख्याति का परिचय दे रही थी. लव कुमार ने कहा भी कि यह देख कर अच्छा लग रहा है कि पुलिस अफसर को सिर्फ आलोचना ही नहीं जनता का प्यार भी मिलता है.