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नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे भरी रही है. बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, इस दौरान पीएम मोदी भी लोकसभा में मौजूद थे. भारी हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित तक दी गई है.

ये तो बात हुई राजनीति की लेकिन क्या आप जानते हैं की संसद सत्र के दौरान जो कार्यवाही होती है उसमें कितना खर्च आता है. नहीं जानते हैं तो अब जान लीजिए. संसद सत्र की एक मिनट की कार्यवाही में ढाई लाख तक खर्च आता है और सबसे हैरानी की बात यह है कि यह पैसा हमारा और आपका ही होता है.

दिनरात हम और आप जी तोड़ मेहनत करके पैसा कमाते हैं फिर सरकार उस पर टैक्स वसूलती है, जिससे सरकारी खजाना भरता है। उसी खजाने से संसद की कार्यवाही पर खर्च करने के लिए पैसों का इंतजाम होता है।

लेकिन आपको यह जानकार झटका लगेगा कि नेताओं को हमारे इस पैसे की कोई क़द्र नहीं है और सत्र के दौरान होने वाले हंगामे या संसद सत्र के ना चलने या स्थगित हो जाने से हमारा यह पैसे बर्बाद हो जाता है. वो भी लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में.

आपको बता दें कि साल 2012 में उस वक्त की यूपीए सरकार ने सदन को बताया था कि संसद की प्रति मिनट कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं। संसद की एक घंटे की कार्यवाही पर 1.5 करोड़ रुपये और पूरे दिन के काम पर करीब 9 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।

ध्यान दीजिए, ये आंकड़ा 2012 का है। तब से लेकर आज तक देश में महंगाई कहां से कहां पहुंच चुकी है। जाहिर है सदन की कार्यवाही का खर्च भी बढ़ चुका होगा, लेकिन हमारे माननीय तो शायद इस ढाई लाख के आंकड़े को भी भूल चुके हैं।

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