शायद वर्तमान देश के लोगों का माहौल देखकर, प्रधानमंत्री को चुनाव प्रचार के मैदान में जाने का डर लग रहा है ! तो संसदकी छत के नीचे सुरक्षित,जो सभी संसद सदस्यों का विशेषाधिकार होता है ! उस नियम का फायदा उठाकर, चुनावी सभाओं को संबोधित करने की जगह, उन्होंने संसद के विशेषाधिकार का दुरुपयोग करके, उनके मन में जीतना जहर भरा हुआ है ! उसकी कुछ झलक दिखाई ! उन्होंने परसो के अपने दो घंटों से भी ज्यादा समय बोलकर अपने विशेषाधिकार का दुरुपयोग किया !
सबसे पहली बात गत दो साल से संपूर्ण विश्व एक भयंकर महामारी के संकट से जूझ रही है ! और भारत जैसे विश्व की दो नंबर की आबादी ! और एक नंबर का जनतंत्र ! वाले देश की सबसे बड़ी संसद में ! सबसे बडे पद पर बैठा हुआ आदमी ! जब कोरोना की चपेट में लाखों लोगों की मौत हो गई ! और एक प्रधानमंत्री के नाते वह भूल गए कि ! आखिर यह एक वैश्विक स्तर पर की आपदा है !
और संविधानिक तथा नैतिक रूप से, यह जिम्मेदारी किसी भी व्यक्ति या दल की नही सत्ताधारी दल की होती है ! और भारत सरकार इस आपदा प्रबंधन में विश्व के किसी भी देश की तुलना में सबसे लचर और असफल रही है ! जिसका प्रमाण वर्तमान चुनावी दंगल वाले भारत के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में ! लगभग सभी नदियों में फेके गये कोरोना से मृत्यु का शिकार मरीजों के शवों को देखते हुए लगता है ! कि जिस प्रदेश की सरकार ने नाही जींदा लोगों का इलाज किया और न ही उनके मरने के बाद उनके अंतिम संस्कार का इंतजाम किया गया !

FILE PHOTO: Members of the State Disaster Response Force patrol in the Ganges river past burning pyres of bodies that washed up on its banks after monsoon rains swelled it and exposed shallow sand graves dug during the peak of the latest COVID-19 wave in Phaphamau on the outskirts of Prayagraj, India, June 25, 2021. REUTERS/Ritesh Shukla/File Photo

जिसमें उत्तर प्रदेश की सरकार की असंवेदनशीलता और लापरवाही साफ नजर आ गई !
लेकिन प्रधानमंत्री महोदय आप किस मट्टी के बने हो ? पता नहीं आपने उत्तरा प्रदेश में जाकर वहां के मुख्यमंत्री की पीठ थप – थपा कर कहा ! कि भारत में सबसे बेहतरीन कोरोना प्रबंधन अगर किसी ने किया है, तो उत्तर प्रदेश की सरकारने ! जैसे बीस साल पहले गुजरात के दंगों में मारे गये लोगों को लेकर, किसी विदेशी मीडिया वाले ने, आपको सवाल पूछा था ! तो आपने जवाब में कहा कि ! “क्या करे अगर चलती हुई गाडी के निचे अगर कोई कुत्ते का पिल्ला आ जाय तो गाडी चलाने वाले की क्या गलती है” ? यह है आपके संवेदनशीलता का एक महत्वपूर्ण सबूत ! और उन्ही लाशों को लेकर आपने अपने राजनीतिक करियर बनाने के लिए इस्तेमाल किया !
लेकिन वही आपके ही गृहराज्य गुजरात के उना मे 2015 में, चार दलितों को शेर ने मारी हुई गाय के, चमड़ा निकालने के जुर्म में, उन्हें दोर से बांधकर ! चलती हुई गाड़ियों के पिछे बांधकर, उनकी चमडी निकाल कर जुलूस निकाला ! और उसके विडियो बनाकर पूरे देश में सोशल नेटवर्किंग साइटों पर प्रसारित कर दिया ! जैसे आज से बीस साल पहले गोधरा कांड में जली हुई लाशों का खुले ट्रक पर जुलुस निकाला गया !

दिसंबर 2019 से ही जिस कांग्रेस को कोरोना फैलाने का आरोपी आपने लोकसभा में कहा ! उसी कांग्रेस के तत्कालीन दिसंबर 2019 से ही जिस कांग्रेस को कोरोना फैलाने का आरोपी आपने लोकसभा में कहा ! उसी कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष श्री राहुल गांधी ने लिखित रूप से चेतावनी दी थी ! “कि भारत में कोरोना की बिमारी का प्रवेश हो गया है ! और सरकारने तुरंत सावधानी बरतने की शुरुआत करनी चाहिए !”
लेकिन आपको तो आपके चहेते सनकी डोनाल्ड ट्रंप को अहमदाबाद के मोटेरा (उसके बाद ही अब वह स्टेडियम आपके नाम पर किया गया !) हजारों करोड रुपये का खर्च करके ! (जबकि देश के आर्थिक संकट से गुजर रहा है यह बात आपही के आर्थिक सलाहकार चेतावनी देते हुए !) लेकिन आपने आपकी आदत के अनुसार किसी भी व्यक्ति की सलाह को नहीं मानना ! और डोनाल्ड ट्रपं के स्वागत में भव्य समारोह आयोजित किया ! उस कार्यक्रम से कौन-सा कोरोना का प्रबंधन हुआ ?
शायद आपका आपदा प्रबंधन में यही उपाय होगा ! कि बगैर किसी इलाज से लोगों को इकट्ठा करो ! जैसे बंगाल के चुनाव में आपने दीदी ओ दीदी की मिमिक्री करते हुए ! कहा कि दुनियावाले देखो कितनी लाखों की संख्या में मेरी सभा में लोग आये हैं ! वह भी आपको आपदा प्रबंधन की योजना लगी !

हरिद्वार कुंभ मेले के आयोजन के लिए, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बदलकर कुंभ में करोड़ों लोगों को इकट्ठा करना भी आपका आपदा प्रबंधन था !
और जिस महाराष्ट्र की बदनामी कर रहे हो ! उसी के महामहिम राज्यपाल कोरोना के काल में ! महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को सेक्युलर हो गये क्या ? जैसे ताना मारकर ! मंदिर खोलने का आदेश दे रहे थे ! और आपके पूर्व मुख्यमंत्री मंदिर खोलने के लिये कोरोना के बावजूद आंदोलन कर रहे थे ! मतलब आप के द्वारा किया गया हर कार्यक्रम, कोरोना को रोकने के लिए था ! और विरोधी दलों की सरकारों ने सिर्फ कोरोना फैलाने का काम किया ?
आप भुल गए कि आप किसी दल के अलावा, 135 करोड़ आबादी वाले देश के सबसे प्रमुख पदाधिकारी भी हो ! राम के नाम पर राजनीतिक करियर तो बना रहे हो ! लेकिन उनकी सत्यवान रामकी प्रतिमा को अनदेखा कर के ! जो सत्य ही परमेश्वर के स्वरूप महात्मा गांधी के प्रिय रहे हैं ! शायद आप ने बाहुबली राम को लेकर अल्पसंख्यक समुदायों को डराने के अलावा, उन्होंने अपने जीवन में अमल में लाई हुई कोई भी अच्छी बात नहीं ली !
जैसे सरदार पटेल, स्वामी विवेकानंद, देशगौरव नेताजी सुभाषचंद्र बोस, डॉ बाबा साहब अंबेडकरजी तथा जयप्रकाश नारायण और डॉ राम मनोहर लोहिया को यूपी – बिहार के चुनाव प्रचार में खुब भुनाने की कोशिश कर रहे हैं ! लेकिन उनके जीवन के तत्वज्ञान को छोड़कर !


तबतक विश्व के विभिन्न देशों मे कोरोना का तांडव शुरू हो चुका था ! और उस तथ्य को अनदेखा कर के अहमदाबाद के उस स्टेडियम में लाखों लोगों को इकट्ठा करके ! कोरोना फैलाने की पहली शुरुआत तो आपने की ! और उसके तुरंत बाद 23 मार्च को आप ने लाँकडाऊन की अचानक घोषणा की ! और जिसके कारण करोड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को अधर में लटका दिया ! और उसमें से कुछ हजारों किलोमीटर दूर ! अपने सामान को अपने सरपर उठाकर पैदल चलने पर मजबूर किया ! इस गुनाहगार के मुहसे यह बात ? शायद बटवारे के बाद दुसरी बार लोगों को, इतनी बड़ी संख्या में ! देश के एक कोने से दुसरे कोने तक ! भरी गर्मी में पैदल चलने पर मजबूर किया ! उनके लहुलुहान पाव आज भी आंखों के सामने आ रहे हैं ! और जिसमें शेकडो लोग कोरोना के अलावा गर्मी, भुक प्यासे और कुछ ट्रेन और चलते हुए वाहनों से कुचल कर मरे !
और जिस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाई ! उन्होंने ही अपने प्रदेश की पुलिसकर्मियों के द्वारा ! शेकडो मजदूरों को मेंढक के जैसे, अपने सामान के साथ कुद – कुदकर चलने की सजा दी ! और पूरे देश में वह चित्र आज भी आंखों के सामने आता है ! अब इस प्रबंधन की तारीफ करने वाले की संवेदनशीलता को क्या कहना ?
और इस अफरा-तफरी के माहौल में ! अगर किसी ने कोई मदद कार्य किया ! तो अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए ! उसे सराहना तो दूर ! उल्टा कोरोना फैलाने का आरोप करने वाले को संवेदनशील कहा जा सकता ?
लेकिन लोकसभा के भाषण में आपको आपके द्वारा की गई बगैर किसी तैयारी के ! बगैर कोई पूर्वसूचना दिए लाकडाऊन ! जैसे नोटबंदी के समय कीया था ! शायद आपको इस तरह लोगों को परेशानी का सामना करते हुए देखकर विकृत आनंद मिलता है ! क्योंकि नोटबंदी के बाद भी शेकडो लोग नवंबर-दिसंबर की ठिठुरती ढंड के कारण और लाकडाऊन में मार्च – एप्रिल, मई की आग उगलने वाली गर्मी के कारण शेकडो लोगों के प्राण पखेरू उड गए ! और लोकसभा में बोल रहे हो कि कांग्रेस ने लोगों को प्रवास के दौरान मदद करने के कारण कोरोना फैलाने का काम किया !
राष्ट्रीय आपत्ति जल्दबाजी में घोषित करने की गलती हुई थी ! यह कन्फेशन करने की, इमानदारी क्यो नही दिखाई ? अब कांग्रेस को दोष दे रहे हैं !
और दिल्ली में निजामुद्दीन के तबलीघी जमात के मुख्यालय को दोषी ठहराने की साजिश ! किसके दिमाग की उपज थी ? और उसके साथ पूरे देश के मुसलमानों को भी कोरोना फैलाने के दोषी करार दे दिया ! मतलब मंदिर – मस्जिदों के अलावा, गाय से लेकर हिजाब तक जानबूझकर मतो के ध्रुवीकरण की घटीया राजनीति के लिए !
अरे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बोलते हो ! और इतनी घटीया नस्लवादी राजनीति ? मालुम है ना ? सौ साल पहले, इटली और जर्मनी में इस तरह की ही राजनीति करने वालों का क्या हश्र हुआ ? आज वहां उनके नाम लेने की तक मनाही है ! और वह दोनों का इस दुनिया से जाने का इतिहास कैसा है ?
जिस उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की पीठ थपथपाते हूए ! भारतीय शास्त्रीय संगीत के मशहूर गायक बंधू राजन – साजन मीश्रा , जो आप के लोकसभा चुनाव क्षेत्र वाराणसी से थे ! और उन्होंने कोरोना के मरीज रहते हुए, आक्सीजन और बेड के अभाव में, हास्पीटल के गेट के बाहर से अपनी कार में आक्सीजन के अभाव में तड़पते हुए ! आपको फोन किया था ! “कि मैं अस्पताल के बाहर बेड और इलाज के अभाव में, अपनी कार से आपको फोन कर रहा हूँ ! और आप कुछ इंतजाम किजिये” ! और भारत के एक बेहतरीन शास्त्रिय संगीत के कलाकार ने बगैर किसी इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया ! यह भी कांग्रेस का षड्यंत्र था ?

और आपको उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोरोना में बेहतरीन काम करने का अगर नजर आया है ? तो फिर आप के नजर में कुछ दोष निर्माण हूआ है ! मुझे इतना पक्का विश्वास है ! क्योंकि उसी क्रम में आपने, महाराष्ट्र सरकारने भी कोरोना फैलाने का आरोप लगाया है ! और यह महाराष्ट्र राज्य निर्माण होने के पूरे बैसाठ साल के दौरान ! शायद ही कोई प्रधानमंत्री होंगे जिसने इतना बड़ा गैरजिम्मेदाराना आरोफ महाराष्ट्र जैसे संपूर्ण देश में सबसे ज्यादा टैक्स भारत सरकार को देने वाले राज्य के उपर किया होगा ! अगर बीजेपी की सरकार होती तो ? इतनी ओछी राजनीति ? कम-से-कम अपने पद का तो ख्याल रखो !
इसलिए मैं बहुत ही आत्मविश्वास से कह रहा हूँ ! कि आपका दृष्टि दोष रहते हुए आप, 135 करोड जनसंख्या वाले देश की, समस्याओं को देखने-समझने में असमर्थ हो ! और यह भारत जैसे विशालकाय देश के लिए खतरनाक है !
और कर्नाटक में लगातार
गत दो तीन महीने हुए अल्पसंख्यक समुदायों के प्रार्थना स्थलों के हमले !(हसन जिले के बेलुर के) और अब हिजाबको लेकर ! क्या सचमुच ही बात हिजाब की है ? या उन कालेजों के टीचर्स के चल रहे आंदोलन तथा अन्य कर्मचारियों की भर्ती की बातों से ध्यान भटकाने की कोशिश चल रही है ?


और उत्तर प्रदेश के चुनावी घोषणा पत्र में (बीजेपी) लवजेहाद के गुनाहगार को एक लाख रुपये तक जुर्माना ! और दस साल की सजा ! मुख्तार अब्बास नकवी, शाहनवाज हुसैन, एम जे अकबर, अडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी की बेटीयो की शादीया ! यह सिर्फ आपके दल के नेताओं के उदाहरण दे रहा हूँ ! वैसे तो देश में और भी उदाहरण है ! जिस नेताजी सुभाष चंद्र बोस को लेकर इस साल की शुरुआत में ही ? आपको बहुत ही आदर प्रेम की बाढ आयीं है ! उनके वर्तमान वंशजोमेसे एक सुमन्त बोस की पत्नी सिर्फ मुसलमान नहीं ! वह आयेशा जलाल नाम की पाकिस्तान की मशहूर बुद्धिजीवी वर्ग की महिलाओं शुमार होती है ! आमजद अली खान, पंडित रविशंकर, मुस्लिम सत्यशोधक के संस्थापक, और भारत के मुसलमानों में सुधारवादी आंदोलन करने वाले ! हमीद दलवाई की बेटी ! तथा छोटे भाई पूर्व राज्यसभा सदस्य हुसैन दलवाई, शाहरुख खान, अमिर खान ! मै तो सिर्फ मशहूर हस्तियों के नाम ले रहा हूँ !
लेकिन 135 करोड़ आबादी के मुल्क में कम-से-कम करोड़ों की संख्या होगी ! जिन्होंने अपने मर्जी से अपने जीवन साथी का चयन किया होगा ! और शादीशुदा जिंदगी गुजार रहे हैं ! जिसके लिए जयप्रकाश नारायण ने 1973-74 के इतिहास प्रसिद्ध जेपी आंदोलन, या संपूर्ण क्रांति के आंदोलन में शामिल होने वाले अविवाहित युवा – युवतियों को देखते हुए ! विशेष रूप से बगैर तिलक दहेज और जाति धर्म के बंधन से मुक्त होकर शादी करने के लिए प्रोत्साहित किया है ! और कुछ ने उनसे प्रेरणा लेकर शादी की !
आप लोग आजकल अपने नेताओं के अकाल के कारण सरदार पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, जयप्रकाश नारायण, डॉ राम मनोहर लोहिया, डॉ बाबा साहब अंबेडकरजी जैसे जातीधर्म से उपर उठकर ! भारत के प्रगति का सपना देखने वाले लोगों को ! कौन सी वजह से महिमामंडित करना शुरू किया है ?


विश्वगुरु की रट लगाते हुए थकते नही हो ! आपके अजेंडे के उपर मंदिर – मस्जिदों के अलावा टोपी, गमछा, गाय और चर्चों के उपर हमले ! और अब यह लवजेहाद के कानून बनाने के बाद भी, विश्वगुरु बनना चाहते हो ? बुडबक कहीके ! अमेरिकी उप राष्ट्रपति एक भारतीय मूल की महिला है ! वैसे ही ब्रिटिश पार्लमेंटमे तथा कॅनडा या कई युरोप के देशों के मेयर ! या महत्वपूर्ण स्थान पर भारतीय मूल के लोगों को देखते हुए भी नहीं लगता है ? कि आप लोग इतिहास के काटे उल्टे घुमाने में लगे हों ? और सपने देख रहे विश्व गुरु होने के ! क्या मत मारी गई ?
अगर डॉ बाबा साहब अंबेडकरजी के स्मारक के साथ ! कुछ उनके विचारों का पालन किया ! तो उनके सपनों का भारत ! जबतक इस देश में जाति-धर्म से उपर उठकर राजनीति – समाजनिती नही होगी ! तबतक भारत विश्वगुरु क्या अपने आप का भी गुरू नही हो सकता है !

 और अंत में आपके माँ – बापने जिस आदमी का नाम आपको दिया है ! नरेंद्र दत्त उर्फ स्वामी विवेकानंद ! ने खुद बीसवीं शताब्दी के अंत में और अपने जीवन अंत में, कि भारत में क्रिस्चियन या इस्लाम धर्म का आगमन, किसी भी तलवार – बंदुक के जोर पर नही हुआ है ! सिर्फ और सिर्फ हमारी जाति-व्यवस्था के कंधों पर बैठकर हुआ है ! यह बात कहने वाले स्वामी जी ! और उन्हीका नाम वाले आप !
और उसका सबसे आधुनिक उदाहरण डॉ बाबा साहब अंबेडकरजी ! और उनके साथ लाखो अनुयायियों ने हिंदु धर्म का त्याग करना ! और बुद्धिझम को स्वीकार करने की कृती ! क्या संदेश दिया है ? “मैं हिंदु धर्म में पैदा जरूर हुआ हूँ लेकिन मरने के पहले इस धर्म का त्याग अवश्य करूंगा ! क्यो इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर हुए ?
जो ढाई-तीन हजार साल पहले आर्यपुत्र सिद्धार्थ गौतमबुद्ध और भगवान महावीर के उदाहरण इतिहास में मौजूद ! रहने के बावजूद आप लोग किस तरह की राजनीति – समाज को बांटने की कृतियां कर रहे हो ? और तुर्रा यह कि भारत के असली देशभक्त आप ही हो ? भाईयों और बहनों यह निसंदेह देशद्रोह है ! और अब समय आ गया है ! कि इन्हें इनकी जगह दिखाना चाहीये !
डॉ सुरेश खैरनार 10 फरवरी 2022, नागपुर

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