राजस्थान के अलवर में गो-तस्करी के शक में हुई मॉब लिंचिंग की घटना पर एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को घेरा है. ओवैसी ने घटना की आलोचना करते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत
देश में गाय का जीवन बुनियादी अधिकार बन गया है और उसकी वजह से जिन मुसलमानों को मारा जा रहा है, उन्हें जीने का कोई अधिकार नहीं है. ओवैसी ने सीधे तौर पर मोदी सरकार के चार सालों को लिंच राज करार दिया है.

दरअसल, मामला अलवर जिले के रामगढ़ इलाके के गांव लल्लावंडी का है, जहां शुक्रवार रात स्थानीय लोगों ने अकबर को गो-तस्कर बताकर पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस सिलसिले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. जयपुर रेंज के आईजी ने बताया, ‘गायों को गोशाला में भेज दिया गया है. 2 संदिग्धों को मौके से हिरासत में लेकर थाने लाया गया था और बाद में उनकी संलिप्तता की जानकारी मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. दूसरे आरोपियों का पता लगाने के लिए जांच जारी है. शव का पोस्टमॉर्टम हो चुका है.’

इस घटना ने एक बार फिर राजस्थान में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, तथा साथ ही विपक्षी दलों ने भी एक बार फिर इस घटना के जरिए मोदी सरकार को घेरा है.

वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने घटना की तो आलोचना की है, लेकिन सवाल भी खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं क्यों होती हैं, इसके पीछे जाना होगा. बीजेपी शासित राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मेघवाल ने कहा कि जैसे-जैसे मोदीजी पॉपुलर हो रहे हैं, इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि यह सब मोदी जी की प्रसिद्धि से डरकर किया जा रहा है.

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