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शादी तो बेहद आम तरह से होती है आजकल लेकिन ऐसा क्या खास है ईको फ्रेंडली में जो यह इतनी चर्चा में हैं. जी हां आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस अपने बेटे वर्धन की शादी ईको फ्रेंडली तरीके से करने के कारण सुर्खियों में हैं. इन्होंने केले के तने से निकले रेसे से आमंत्रण पत्र छपवाया है, जिसमें सीड पेपर (बीजों वाला कागज) रखा है. जिसे मिट्टी में डालने पर कुछ ही दिनों में तुलसी के पौधे तैयार हो जाएंगे. मंत्री ने अनुरोध भी किया है कि इस कागज को मिट्टी में ही डालें. शादी में पॉलीथीन को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है.

क्या है अर्चना चिटनिस का कहना.

मैं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करती रही हूं. ये आयोजन पूरी तरह से प्रकृति को पोषित करने वाला रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके प्रणेता हैं. प्रधानमंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत को पर्यावरण संरक्षण के लिए होस्ट कंट्री के तौर पर स्वीकार किया है और इसके तहत चलाए जा रहे डी-प्लास्टिक मिशन के लिए होशंगाबाद व बुरहानपुर को चुना है. बुरहानपुर की प्रतिनिधि होने के नाते मैं इसकी शुरुआत कर रही हूं. 

क्या है इस शादी में खास

शादी में होने वाले डेकोरेशन में भी प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं, समारोह में केले के पत्ते, रेशे और गन्ने के अनुपयोगी हिस्से से बने प्लेट, गिलास और चम्मच का इस्तेमाल किया जाएगा. शादी समारोह में आ रहे मेहमान इंदौर और बुरहानपुर में पौधा भी रोपेंगे. मंत्री ने बुरहानपुर में पॉवरलूम के कपड़े से बने लिफाफे में रखकर कार्ड बांटे हैं.

इन ईको फ्रेंडली कार्ड की कीमत और खासियत

ईको फ्रेंडली पेपर (कागज) सूरत के नवसारी और राजस्थान में स्थित कंपनियां बनाती हैं. यह पेपर केले के पत्ते के तने से निकलने वाले फाइवर और गन्ने के रेशे से बनाया जाता है. इन कागजों से नोटबुक, ब्रोशर, ग्रीटिंग कार्ड, शॉपिंग बैग, शादी कार्ड और विजिटिंग कार्ड बनाए जाते हैं और ये ज्यादा महंगे नही हैं इन कार्ड की कीमत 20 रुपए से शुरू होती है और सामान्य कार्ड डेढ़ सौ रुपए तक मिल जाता है.

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