देश में 16 जनवरी से वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत हुई। इसके बाद फरवरी, मार्च और अप्रैल में वैक्सीनेशन की औसत रफ्तार ठीक रही। लेकिन, मई में पहला डोज लगवाने वाले लोगों की संख्या घट गई। इस महीने 37% डोज कम लग पाए।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच वैक्सीनेशन को महामारी के खिलाफ जंग में कारगर हथियार माना जा रहा है। देश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है। हालांकि, विपक्ष पार्टियां लगातार वैक्सीनेशन की सुस्त रफ्तार को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में लगी हैं।

एमआईएम के सुप्रीमो और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को टैग करते हुए अपने ट्वीट में कहा, “झूठ, झूठ और झूठ. मोदी सरकार झूठ पर बनी है। प्रधानमंत्री ख़्वाब-ए-गफ़लत से बाहर निकलिए, अपने महल से बाहर आकर देखिए की मुल्क के ग़रीब का क्या हाल है। ”

भारत में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन की अब तक 20,89,02,445 (20 करोड़ से अधिक) खुराके दी जा चुकी हैं जबकि पिछले 24 घंटे में लोगों को 30,62,747 डोज दी गई है। इसी धीमी गति से टीके लगे तो देश की 70% आबादी को टीका लगाने का लक्ष्य पाना मुश्किल होगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी को कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि देश में अब तक सिर्फ तीन प्रतिशत आबादी को वैक्सीन लगी है।

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