महामहिम राष्ट्रपति महोदय हमारे देश के प्रधानमंत्री के झूठ बोलने को लेकर और गृह मंत्री अमित शाह की धमकी देने की घोषणा और आप हमारे तिनो सेना के दलो के प्रमुख रहते हुए एक नया पद तिनो दलो के प्रमुख और जिस के नाम की चर्चा चल रही है वो निवरुत्तमान जनरल बिपिन रावतजी के द्वारा दिए गए राजनैतिक बयांन को लेकर ! यह पत्र लिख रहा हूँ !

अमित शाह अखिर अपने असली रूप मे आही गये ! गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदीजी के साथ वे गृह राज्य मंत्री रहते हुये जेल में हत्याओं के जुर्म में सव्वा साल से ज्यादा समय रहे हैं! और जमानत पर रिहा हो कर बाहर निकल सके वह भी गुजरात मे ना जाने की शर्तों के साथ ! कयोंकि गवाहों को डरा धमकाकर दबाव नहीं डाल सके इसलिए ! जो काम वह अभी देश के गृह मंत्री रहते हुये भी कर रहे हैं !

लोगो को कह रहा है की एन आर सी और सी ए ए को विरोध करने वालों को लोगोने सबक सिखाना चाहिए जैसे कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने का कह रहा है !और इस का काम देश के गृह मंत्री के रूप में देश का कानून व्यवस्था बनाये रखने का है तो मैं महामहिम राष्ट्रपति महोदय से निवेदन करता हूँ कि इस तरह के आदमी को गृह मंत्रालय जैसा विभाग से अविलंब हटाने का काम करे अन्यथा इसके इस तरह के भड़काने से देश गृह युद्ध में तब्दील होने की संभावना है!

भारतीय संसदीय लोकतंत्र के 70 साल के इतिहास मे शायद ही कोई दागदार वह भी हत्याओं का आरोपी देश की कानुन व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने के लिए गृहमंत्री ! यह उसे उस पदपर बैठाने वाले प्रधान-मंत्री की सबसे बड़ी गलती है ! उसके पहले उसे नितिन गडकरी को हटाकर पार्टी अध्यक्ष बनाया ! फिर गुजरात से राज्यसाभ मे लेकर आया और प्रधान-मंत्री खुद अपने हाथों से उसे उच्च सदन में पेढ़ा खिला रहे थे !

और तुरंत अहमदाबाद लोकसभा के सिट से लोकसभा ! और नये मंत्रिमंडल में डायरेक्ट देश का सबसे संवेदनशील विभाग गृह मंत्रालय का प्रभार ! यह सब घटनाओं को देखकर लगता है कि खुद प्रधानमंत्री पूरे देश और दुनिया को ठेंगा दिखाते हुए यह मेसेज दे रहे हैं की किसी तडीपार हो या खडिपार मै चाहू तो कुछ भी बना सकता हूँ ! ठीक है हमारे भारतीय जनता पार्टी से वैचारिक मतभेद है लेकिन भारतीय संसदीय प्रणाली के कुछ संकेत है जिसे बीजेपी भी मानती हैं तभी तो चुनावी राजनीति को स्वीकार किये हैं !

उस पर्टि के वरिष्ठ नेता यह सब देख रहे हैं ? और कुछ भी बोल नहीं रहे ! राजनाथ सिंह जैसे अनुभवी और वरिष्ठ नेता को हटाकर इस दागदार विवादास्पद व्यक्ति को सीधा देश का गृह मंत्रालय का प्रभार सौंप कर नरेंद्र मोदी क्या मेसेज दे रहे हैं ? नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए अमित शाह गृह राज्य मंत्री था क्योंकि गृह मंत्रालय कभीभी नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में किसी और को नहीं सौपा था ! और अमित शाह गृह राज्यमंत्री रहते-रहते ही हत्याओं के जुर्म में सव्वा साल से ज्यादा समय जेलकी हवा खा रहे थे !

और बाहर निकल कर आये वह भी जमानत पर और उस्मे भी शर्त थी की वो गुजरात मे प्रवेश नहीं करेंगे याने तडीपार ! अब उसके बाद क्या क्या तिकडम करके हि वो दोबारा राजनीति में प्रवेश कर के आज देश के गृह मंत्रालय के मुखिया बनाए गए ! यह उसे बनाने वाले की क्या मंशा है इसपर भी सवालिया निशान लगा दिया है ! जिस आदमी को गुजरात फाईल्स के हिन्दी संस्करण प्रकाशित किया गया था उस प्रकाशन समारोह में किताब की मूल लेखिकाने अमित शाह को भरी सभा में गुण्डा कहा है !

और जहा तक मुझे याद है अमित शाह ने अभितक इस बातपर नाही कोई आपत्ति दर्ज की या नहीं कोई केस ! मैंने खुद माँग की है की गुजरात फाईल्स नामकी किताबमे वर्तमान प्रधान-मंत्री और गृह मंत्री महोदय के बारे मे बहुत संगीन आरोप लगाये हैं ! लेकिन नाही उंन आरोपों का खंडन किया है और नाही किताब के बारे में कोई केस दर्ज किया गया है ! और किताब के भारत की सभी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हुए हैं!और मुल अन्ग्रेजी मे लिखी हुई किताब के कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं !

लेकिन प्रधान-मंत्री और उनके सिपहसालार अमित शाह बिलकुल चुप्पी साधे हुए हैं !यही बात हूँ किल्ड करकरे नामकी किताब के बारे में ! उसे तो 10 साल से अधिक समय हो गया है ! कोइन्सीडेन्ट्लि उस किताब के पहले प्रकाशनमे दिल्ली के कार्यक्रम का एक वक्ता मै भी था और मुझे किताब पर ही बोलने के लिये प्रकाशक और लेखक ने विषेश रुप से बुलाया था तो मैं पूरी किताब पढकर गया था और बोलने के पहलेही प्रकाशक और लेखक महोदय को कहा था की मैं आप दोनों पर कानुनी कारवाई करने की माँग मै अपने भाषण में करने वाला हूँ !

क्योंकि इस लेखक ने कीताब मे हमारे देश की आइ बी, सी बी आई,और रॉ जैसे महत्वपूर्ण एजेंसीयो के बारे में बहुत संगीन आरोप किये हैं और यह सब पढ़ने के बाद मैं बहुत विचलित हो गया हूँ ! क्यौंकि हमारे देश की सुरक्षा के लिए इन एजेंसी की स्थापना की गई थी और लेखक खुद भारतीय पुलिस सेवा की डी आई जी के पदतक पहुंच कर कम्से कम 25-30साल सेवा की है और हमारी एजेंसियों पर इतने संगीन आरोप !मैं तो इसी दिल्ली शहर के इस संविधान क्लब में आयोजित कार्यक्रम में अवश्य लेखक और प्रकाशक पर कारवाई की माँग कर के ही रहूँगा और मैने की भी !

लेकिन दस साल से अधिक समय हुआ है उस किताब के भी भारत की कई प्रमुख भाषाओ में अनुवाद हो चुके है मेरे हाथ से मराठी भाषा के अनुवाद के शहीद हेमंत करकरे जी की शहादत के पहली वर्षगाँठ के अवसर पर 26 नवम्बर को मुम्बई के मराठी पत्रकार भवन में आयोजित कार्यक्रम में भी मैने कहा था की अन्ग्रेजी किताबके प्रथम प्रकाशन समारोह में मैंने इस लेखक और प्रकाशक पर कारवाई की माँग की थी और आज फिर कर रहा हूँ !

वैसे ही हिंदी अनुवाद्के प्रकाशन समारोह में उसी दिल्ली के संविधान क्लब के सभागृह में मैंने अपनी माँग दोहराइ थी ! पर अभितक नाही कोई कार्रवाई हुई और नहीं कोई नोटिस लेखक,प्रकाशक को मिली हो ! इस किताब की भी बिक्री रेकॉर्ड ब्रेक हूई है ! क्या बात है राणा आयुब की गुजरात फाईल्स,एस एम मुशरिफ की हूँ किल्ड करकरे,आर बी श्रीकुमार की गुजरात बिहाईन्ड द कर्टन ,मनोज मित्ता की द फिक्शन ऑफ फक्ट फैंडींग मोदी अण्ड गोधरा,लेफ्टिनेंट जनरल झमिरुद्दीन शाहकी सरकारी मुसलमान ,क्राईम अगेंस्ट हुमानीटि रिपोर्ट 600से ज्यादा पन्ने का और कमिटि के मेंबरों में भूतपूर्व न्यायाधीश कृष्णा अय्यर,पी बी सावंत,सुरेश होस्पेट,और मशहुर कानून विद और समाज सेवा के क्षेत्र के लोगों द्वारा बनाया गया यह रिपोर्ट तो किसी भी रिपोर्ट की तुलना मे एक बहुत महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित किया गया है और इन सब से को दस साल से ज्यादा समय हो गया है और अभी हाल ही में संजीव भट्ट नामके गुजरात कैडर के पुलिस अफसर जो फिलहाल जेल मे है और उन्हें क्यों जेल में डाला गया है इसपर संजीव भट्ट की बेटी का ऑडियो-वीडियो अभि हालही में सुनने-देखने के बाद तो नरेंद्र मोदी जी को भी उसका जवाब देने के लिए आपने कहना चाहिए और अमित शाह ने हरेन पंडया के हत्यारे को लेकर जो हिदायतें संजीव भट्ट को दि थी और उन्होंने उसे मानने से इनकार कर दिया था और संजीव भट्ट को जेल में डालने के कई-कई कारणों मे से एक कारण यह भी है ! लेकिन नाही इन लोगों पर कोई कार्रवाई हुई और नाही नरेंद्र मोदी,अमित शाह जैसे गुनहगारोंपर!

उल्टा नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सब लोग हैं जिनके कारण मैं आज यहाँ तक पहुंचने में कामयाब हुआ हूँ ! अगर यह बात सही है तो फिर हमारे देश की संवेदनशीलता में बहुत बड़ी गफ़लत है ! दंगेकी राजनीति और खून-हत्याओं के गुनहगारों को लोग देश का प्रधानमंत्री,गृह मंत्री और आदित्यनाथ जैसेको मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाली संसदीय प्रणाली में भी बहुत कुछ सुधार करने की जरूरत है और इन जैसे लोगों को राजनीति में अपनी-अपनी जगह बनाने का मौका मिलता है तो हमारे समाज में भी बहुत कुछ करने की जरूरत है और यह काम एक दो दिन का नहीं है जिस तरह लगभग 100 साल से संघ परिवार लगातार अपनी कोशिश और करतूतों को अथक प्रयासों से आज समाजमे विलक्षण ध्रुवीकरण की प्रक्रिया करने में कुछ हद तक कामयाब हुआ है और उस तुलनामे प्रगतिशील धारा के लोग सेकुलर लोग बिखरे हुए और एक दूसरे की टाँग खींचने में ही ज्यादा समय जाया करते रहते हैं !

कम्से कम अभी तो इन सब जल्लादों के दिन प्रतिदिन नये-नये हथकण्डे देखकर ही सही इनका मुकाबला करने के लिए अपने छोटे-छोटे मतभेदों को भूल कर फासिज्म का मुकाबला करने के लिए गोलबंद होना चाहिए ! क्योंकि बिलकुल 90 साल पहले के जर्मनी में जिस तरह से हिटलर और उसके साथ एस एस ,गेस्टापो और वहां का पूंजीपतियों का वर्गों ने मिलकर हिटलर नामका शैतान तैयार करने के लिए पूरी तरह से सब कुछ दावपर लगा दिया था लगभग भारतीय पूंजीपति और संघ परिवार मीडिया हाउस की मदद से विरोधियों की इमेज बिगड़नेमे लग गए हैं कल अमित शाह उसी कडिमे अपनी भाषा में लोगों को उकसाने का काम शुरु कर दिया है पहले एक आर्मि वालेके मुहसे फिर खुद एक गलिके गुण्डे की भाषा में लोगों को भड़काने का काम कर रहा है !

उसके पहले राम लीला मैदानमे प्रधान-मंत्री खुद झूठ बोल रहे थे की 2014 से लेकर आज तक हमारे पार्टी ने एन आर सी को लेकर कोई भी बात नहीं करते के बावजूद विरोधियों की तरफ से फैलाया जा रहा की एन आर सी आ रहा है महामहिम शीत सत्र के उद्घाटन भाषण मैं आप खुद बोले हैं जिसे पुरे देश और दुनिया ने सुना है ! सामनेवाले सत्ताधारी रो मे खुद प्रधानमंत्री भी सुन रहे थे !

सबसे हैरानी की बात जिस समय प्रधान-मंत्री रामलीला मैदान में यही बात कह रहे थे उसी समय झारखण्ड के चुनावी सभा बोकारो में अमित शाह एन आर सी हर हाल में आकर रहेगा बोल रहे थे ! और आपके उद्घाटन के बाद हमारे दोनो सभागृह में अमित शाह ने वही कहा जो आपने अपने अभिभाषण में कहा इसके बावजूद प्रधान-मंत्री राम लीला मैदान की सभामें एन आर सी और डिटेंशन सेन्टर कही भी नहीं है कह रहे थे ! और अर्बन नक्सलियोंद्वारा यह झूठा प्रचार किया जा रहा है ऐसा आरोपण प्रधान-मंत्री भरी सभा में कर रहे थे ! 1974 में बिहार अन्दोलन को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जेपिके ऊस अन्दोलन को सी आई ए का सपोर्ट है और जेपिको सी आई ए के दलाल करार दिया था !

और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की उस समय संघ परिवार उस अन्दोलनमे बढ चढ़कर शामिल था या और दुरुस्त कहा जाए तो सन्घको उसी आंदोलन से अपनी गाँधी हत्या की बाद से लेकर एक तरह से अछूत बन गया था तो उसी समय जेपिके अन्दोलन कारण सन्घको पुनर्वास होनेका मौका मिला और आज यह मुकाम हासिल किया !अब ये अर्बन नक्सली फ्रेज कॉंग्रेस सरकार की देन है जिसे मोदीजी भुनाकर लोगों को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं !

महामहिम मुझे सितंबर माह की 23 तारीख को आसामके गोअलपारा जिलेका मटिया कदमतला के निर्माणाधीन डिटेंशन सेंटरको भेट देनेका मौका मिला और वहां 20 बिघेमे 46 करोड़ रुपये की लागत से 3000 लोगों को रखने के लिए डिटेंशन सेन्टर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन बन रहा है ! और प्रधान-मंत्री कह रहे हैं की यह गलत जानकारी फैला कर देशमे अफरा तफरी मचानेवाले अर्बन नक्सलियों द्वारा फैलाई झूठी खबर कह रहे हैं !

अभी कल के इण्डियन एक्सप्रेस में छपा है की पुरे भारत भर मेँ 46 डिटेंशन सेन्टर बन रहे हैं और बंगलूरू से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सेन्टर बनके तैयार है और उसमे डिटेनिजके आनेका इन्तजार कर रहे हैं !अब प्रधान-मंत्री महोदय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल लोगों को गुमराह करने का काम कौन कर रहा है ? और यह अर्बन नक्सली मंसूबे क्या है ?

महामहिम राष्ट्रपति महोदय आप हमारे सेनाके सर्वोच्च कमांडर है और आप के मातहत ही स्थलसेना आती है ! हमारे सेनाध्यक्ष बिपिन रावतजी कल एकदम राजनीतिक बयान देने लगे ! शायद यह भारत की सेना के इतिहासमे पहले जवान सर्विस में रहते हुए जो सिधे राजनीतिक बयान दिया है ! और सुना है की वो आजकल में रिटायर होने के बाद हमारे तिनो सेना के प्रमुख होंगे ! यह तो आप के अधिकार का हनन हो रहा है ! इसे तुरंत रोकिये अन्यथा आप के सुप्रिम कमांडर-इन-चीफ का क्या मतलब हुआ ?मैं महामहिम राष्ट्रपति महोदय से निवेदन कर रहा हूँ कि वह अमित शाह को गृह मंत्री पद से अविलंब हटने का करें ! क्यौंकि वह देश की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने के जगह लोगों को उकसाने का काम कर रहें हैं !

सुरेश खैरनार

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