साथियो ,नमस्कार

2 अक्तूबर महात्मा गाँधी जी की 150वी जयंती के अवसर पर खबर प्राप्त हुई है जिसे नेशनल हेरोल्ड नाम के अखब़ार के 3 अक्तूबर के अंक मे मैने पढ़ा कि महात्मा गाँधी जी ने जितने आश्रम 1915 में भारत आने के बाद जो भी स्थापित किये उन सभी को वर्तमान भारत सरकार अपने कब्जे मे लेकर उनको विकसित करेंगे !

उनमे से सबसे पहले अहमदाबाद के साबरमति आश्रम  को कब्जे मे करने की बात जल्द होने की है ! मैने साबरमति आश्रम के विश्वस्त श्री सुदर्शन आयंगारजी से आज सुबह फोन पर बात की उह्नोने कहा कि नरेंद्र मोदी अमेरिका के डॉ मार्टिन लूथर किंग के स्मारक के तर्ज पर साबरमति में महात्मा गाँधी जी का स्मारक बनाना चाहते हैं और आश्रम मार्ग का परिवहन मुक्त मार्ग कुछ और भी योजनाएँ उनके पास है जिसे वे साबरमति मे करना चाहते हैं !

नरेंद्र मोदी भारत के एक मात्र राजनेता की जो बारह महीने चौबीस घंटे चुनावी मोड़ पर रहते हैं ! सरदार पटेल की सबसे ऊँची मूर्ति हो या डॉ बाबा साहब आम्बेडकर जी का स्मरको की बात हो ! महात्मा गाँधी तो दूनियाँ के 125 से अधिक देशों में कही मूर्ति तो कही रास्तेके नाम तो कही गाँधी अध्ययन संस्थान द्वारा मौजुद है ! लेकिन नरेंद्र मोदी की हर एक बात पर उनका मुख्य लक्ष्य अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का मौका वे तलाशते रहते हैं ! इसी कड़ी मे गाँधी जी के 150 को वे भला कैसे छोडेंगे ?

तो इस तरह पुरे विश्व भर में पहुंचा हुआ  नाम नरेंद्र मोदी भला कैसे छोड़ देते तो 2 अक्तूबर वह भी 150 वी जयंती पर कुछ तो करना ही पड़ेगा सो क्यो न हमरे अपने गुजरात से शूरू करे ? महात्मा गाँधी के बारे में कितना आदर नरेंद्र मोदी से लेकर पूरे संघ परिवार को है यह सत्ता में आने के बाद गोडसे के महिमा मंडित करने वाले लोगों को एक भी उदाहरण नहीं मिलता कि मोदी या मोहन भागवत ने रोका है या उनकी आलोचना की है ! प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसे बेलगाम बोलने वालों को टोका गया हो,साक्षी से लेकर गिरिराज किशोर,और भी बहुत बड़बोले गाँधी,नेहरु को लेकर क्या क्या बकते है यह जगजाहिर बात हमारे चौकस चौकीदार को मालूम नहीं यह हो ही नहीं सकता  !

2 अक्तूबर को मोहन भागवत ने भी गाँधी कथा कही ! पर क्या सचमुच आप लोगो को गाँधी अचानक महान लगने लगे ! क्यौंकि 94 साल का संघ परिवार के निशाने पर गाँधी रहे हैं इसको संघ छुपा नहीं सकता है और वही संघ परिवार आज गाँधी जी की आरती करते हुए देखकर मुझे ढोंग-पाखंड के सिवा दुसरा कुछ नजर नहीं आता है ! मुँह मे राम बगल मे छुरी !

गाँधीजी को जान बूझ कर एक बेहतर सफाई कर्मचारी केरुप में गत पांच साल से आपने खूब प्रोजेक्ट करने की कोशिश की है इस कोशिश के पीछे एक मात्र उद्देश्य दिख रहा है कि आनेवाले समय में अगली पीढ़ी को आप यह छाप छोड़ देना चाहते हैं कि यह गाँधी कोई और नहीं कोई स्वच्छ्ता पसंद आदमी था ! लेकिन उसने इस देश की आजादी,पूरी दुनिया को विकास की अवधारणा पर सवाल उठाने वाले,युद्घ के खिलाफ,अहिंसा का संदेश देने वाला जिसके कारण युनो को आज से 12 वर्ष पहले सर्व सम्मति से 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस शूरू करना पड़ा !

और ताजी बात आप अभी-अभी  युनो से ग्लोबल वार्मिंग का बढ़ता खतरा इस विषय पर भारत की तरफ से आपको भाग लेने के लिए बुलाया गया था लेकिन इस खतरेके बा रेमे आज से 110 साल पहले महात्मा गाँधी जी ने हिन्द स्वराज नाम की किताब लिखकर पूरी दुनिया को सैतनी सभ्यता इस भाषा में हिदायत दी है ! मुझे नहीं लगता कि आप तथा संघ के किसी सदस्य ने इस किताब को पढ़ने की कोशिश की गई होगी ! वैसे ही उनकी दूसरी किताबों में से एक है मेरे सपनों का भारत, और सबसे महत्वपूर्ण उह्नोने पूरी मानव जाति के लिए दिया तलिस्मन जब भी आपके सामने दुविधा हो तो संसार के आखिरी आदमी को अपने नजरके सामने लाओ आपकी सभी दुविधाये दूर हो जाएगी !

और साम्प्रदायिकता का निवारण यह उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और जिसके कारण उन्हें अपने जान की बाजी लगानी पड़ी क्यौंकि वे मानते थे कि इस देश में दूनियाँ के सभी धर्मों के लोग रहते है इसलिए इसे किसी भी एक धर्म का राष्ट्र कहना गलत है और हम अपने अपने धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करते करते एक दूसरे को मारने की बात करेंगे तो आँख के लिये आँख का सिलसिला जारी रहा तो पूरी दुनिया अन्धी हो जायेगी इसलिए सभी ने व्यक्तिगत जीवन में अपने अपने घरों की चार दीवारों के भीतर अपनी उपासना पद्धति जरूर कर सकते लेकिन सार्वजानिक जिवन में धर्म को लेकर कोई भी राजनीतिक रूप से काम करना अधार्मिक कृत्य है !

आज उनकी इनही बातो के कारण पूरा विश्व उनके द्वारा दिये गये संदेशो पर चलने की कोशिश करता नजर आता है और एक आप हैं कि उनके हाथों में झाडू थमाकर कचरा साफ करने के काम में लगा दिया है अरे भाई पहले अपने मनका कचरा साफ कर फिर अगल बगल के कचरे को भी साफ करेंगे !

अब मूल बात महात्मा गाँधी के आश्रमों को कब्जे मे करने का पिछ्ले त्रिपुरा के विधानसभा चुनावों के परिणाम घोषित होने के दूसरे दिन त्रिपुरा के एक मात्र गाँधी आश्रम की इटसे इट बजा दी ! और आप अन्य आश्रमों को कब्जे मे लेकर क्या करोगे इस बात पर हमारा कतई विश्वास नहीं है  ! बनारस के राजघाट स्तित परिसर में बुलडोजर चलाने की कोशिश किस बात का प्रमाण हैं ?

महात्मा गाँधी के जीवन की सबसे बड़ी विशेषता सादगीपूर्ण जीवन ! जिसमे उनके किसी भी आश्रम में बाहरी वस्तुओं से आश्रम का निर्माण हो इसके वे सक्त खिलाफ थे ! आसपास से जो कुछ उप्लब्ध हैं उसिसे आश्रम के निवासो का निर्माण हो यह उनकी पहली शर्त थी इसलिए उसे देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं ! आप किंग सेन्टर या विश्व के कई हिस्सों के बहुत विशाल और भव्य स्मारक तो उनकी अपनी सोच और अपने विचारों के आधारो पर बने हैं !

नरेंद्र मोदी सरदार पटेल की मूर्ति हो या महात्माजी के कोई भी स्मारक अपने मनमाने ढंग से करने के विचारों के है और उनकी हर कृती मे सस्ती लोकप्रियता बटोरने का लक्ष होता है ! इसलिए  महात्मा गाँधी के आश्रम या उनके जो भी स्मारक है सबके सब गांधीजी के आदर्शो पर बने हैं उनका वैसा ही रहना यही ऊनके प्रती सही ईज्जत होगी हा उन्हें आज कैसे प्रिझर्व करें यह तकनीक जरूर अपनानी चाहिये इंग्लेंड ने सेक्सपियर से लेकर उनके सभी महान विभूतियो के स्मारक वैसे के वैसे जतन किये हैं ! कुछ स्मारकों को 400-500 साल हो गये लेकिन लगता है कि यहां आज भी कोई रह रहा है ! इतने जतन से रखा गया है !

हमारे आश्रम के कुछ लोग भी थोडा भ्रम के शिकार हो जाते हैं लेकिन महात्मा गाँधी को याद कीजिए उनके जीवन के संदेश को याद कीजिए आपको भी सही रास्ता मिल जायेगा वर्तमान मे  चकाचोंध चारों ओर फैल गयी है उसका असर हमारे भी ऊपर हो जाता है लेकिन महात्मा गाँधी जी का स्मारक है यह बात हमारे-आपके दिमाग मे अगर साफ है तो फिर क्या बात है ?

इसलिए सरकार की मंशा कुछ भी हो लेकिन हम हमारे-आपके आश्रमो को किसी को भी दखल करने नही देंगे और हम उन आश्रमो को महात्मा गाँधी जी ने जिस उद्देश्य से बनाया है उह्ने आँच नहीं आने देंगे और उसके लिये कोई जोर जबरदास्ति करेगा तो हम गाँधी जी के सत्याग्रहियो की तरह सत्याग्रह करने का ठान ले ! भले वह सरकार हो या कोई अन्य संस्था सन्घटना हम सभी मिल्जुल्कर उसका विरोध करेंगे इसी अपेक्षा से मै अपनी चिठ्ठीको फिलहाल रोकता हूँ और आवश्यकता हुई तो और लिखूंगा !

आपका अपना  साथी सहयोगी

डॉ सुरेश खैरनार,नागपुर 4 अक्तूबर 2020

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