बिहार की राजनितिक सरगर्मी में एक और खबर सामने आ रही है। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की एक किताब आने वाली है। लालू प्रसाद यादव की किताब ‘गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ में दावा किया गया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होने के 6 महीने बाद दोबारा से महागठबंधन में शामिल होना चाहते थे। लेकिन इसके लिए वो राजी नहीं हुए। नितीश ने पांच बार अपने दूत प्रशांत किशोर को उनके पास भेजा था।
‘गोपालगंज टू रायसीना: माइ पॉलिटिकल जर्नी’ लालू यादव की आत्मकथा है। और अपने इसी किताब में लालू यादव ने ये खुलासा किया है कि, नितीश दोबारा महागठबंधन में शामिल चाहते थे। लेकिन लालू ने नीतीश को वापस महागठबंधन में लेने से साफ इनकार कर दिया। लालू की इस किताब को माने तो उन्होंने नीतीश कुमार की महागठबंधन में दोबारा एंट्री पर इसलिए रोक लगा दिया क्योंकि नीतीश ने उनका भरोसा तोड़ दिया था और वह उन पर दोबारा विश्वास नहीं कर सकते थे।
अपनी इस आत्मकथा में लालू ने कहा है कि उन्हें नीतीश कुमार से कोई नाराजगी नहीं थी, मगर उन्हें इस बात को लेकर चिंता थी कि अगर उन्होंने प्रशांत किशोर की बात मानकर नीतीश को दोबारा महागठबंधन में शामिल कर लिया तो बिहार की जनता इसको किस तरीके से लेगी।
The claims made by Laluji as reported are BOGUS. This is nothing but a poor attempt seeking relevance by a leader whose best days are behind him.
Yes, we did meet many times before I joined JDU, but if I were to tell what all was discussed then he would be quite embarrassed. https://t.co/9B5clUBxea
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 5, 2019
लालू ने इस किताब में यह भी दावा किया है कि नीतीश कुमार को फिर से महागठबंधन में शामिल कराने के लिए प्रशांत किशोर ने उनके बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी। प्रशांत किशोर ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की उत्तर प्रदेश और बिहार में बड़ी जीत होगी और बीजेपी को इन दोनों राज्यों से समाप्त कर दिया जाएगा।
लालू के इस सनसनीखेज दावों को लेकर प्रशांत किशोर जो अब जेडीयू के उपाध्यक्ष हैं ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सभी दावों को पूरी तरीके से बोगस करार दिया है। प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि लालू प्रसाद ने अपने आप को चर्चा में बनाए रखने के लिए एक नाकामयाब कोशिश की है। प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू के अच्छे दिन अब पीछे रह गए हैं।
हालांकि प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में यह बात स्वीकार किया है कि जेडीयू में शामिल होने से पहले उन्होंने लालू प्रसाद से कई बार मुलाकात की थी। लेकिन उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि दोनों के बीच इस दौरान क्या-क्या बातें हुई तो इससे लालू प्रसाद यादव को काफी शर्मिंदगी महसूस होगी।