पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अब तक का सबसे सख्त क़दम उठाया है। जिसके बाद पाकिस्तान एक एक बूंद पानी के लिए भी तरस जाएगा। भारत ने एक तरह से फैसला कर लिया है कि सैन्य कार्रवाई से पहले पाकिस्तान की ऐसी हालत कर दी जाए कि वो गिड़गिड़ाने लगे और आतंकियों पर नकेल कसने के लिए विवश हो जाए। इसी के तहत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि भारत ने पाकिस्तान जाने वाले अपने हिस्से का पानी रोकने का फैसला किया है। भारत पूर्व नदियों के पानी को डायवर्ट करके जम्मू कश्मीर और पंजाब में इसका इस्तेमाल करेगा।
गौरतलब है कि, सिंधु जल संधि के अनुसार भारत पूर्वी नदियों के 80% जल का इस्तेमाल कर सकता है, हालांकि अब तक भारत ऐसा नहीं कर रहा था। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा होने की संभावना है।
Under the leadership of Hon’ble PM Sri @narendramodi ji, Our Govt. has decided to stop our share of water which used to flow to Pakistan. We will divert water from Eastern rivers and supply it to our people in Jammu and Kashmir and Punjab.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 21, 2019
केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर के जरिए जानकारी देते हुए बताया कि शाहपुल कांडी में रावी नदी पर बांध का निर्माण शुरू हो गया है। इसके अलावा UJH प्रोजेक्ट में जम्मू-कश्मीर के उपयोग के लिए हमारे हिस्से के पानी को एकत्रित किया जाएगा और बचे हुए जल Ravi-BEAS लिंक से दूसरे राज्यों में प्रवाहित किया जाएगा।
इससे पहले भारत ने सबसे पहले पाकिस्तान से मोस्ट फेवरेट नेशन (MFN) का दर्जा वापस ले लिया, उसके बाद इस्लामाबाद से आने वाली सभी तमाम चीजों पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया है। पाकिस्तान से आने वाली वस्तुओं पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगने से पाकिस्तान के निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा। आने वाले कुछ दिनों में इसका असर पाकिस्तान की आर्थिक सेहत पर पड़ने वाली है।