भोपाल। कोई व्यक्ति अपराध सरेआम करता है और उसको सजा गुपचुप तरीके से दी जाती है, यह कानून की विसंगति है। इसको बदलने के लिए और मासूम बच्चियों के बलात्कारियों को सार्वजनिक फांसी दिए जाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इसकी शुरूआत जल्दी ही की जाएगी। बलात्कारियों को पैरोल दिए जाने की व्यवस्था को भी खत्म किया जाएगा।
प्रदेश की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर ने यह बात बुधवार को कही। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के बनाए कानून के हिसाब से चल रही व्यवस्था को बदलने का समय है। किसी भी अपराधी को दी जाने वाली सजा का सार्वजनिक किया जाना, आने वाले दिनों में ऐसा करने वालों के लिए भय और डर का कारण बनेगा। छोटी बच्चियों के साथ दरिंदगी करने वालों को सरेआम फांसी पर लटकाया जाना जरूरी है, ताकि समाज ऐसे घृणित अपराधों से बचे और इसकी पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंनें कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार इसके लिए गंभीर भी है और सख्त कानून बनाने में भी अव्वल है, जहां बाल शोषण के खिलाफ फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है। लेकिन इसके बावजूद अगर ऐसे अपराधों में कमी नहीं आ रही है तो इसके लिए समाज को आत्ममूल्यांकन करना पड़ेगा कि लोगों में संवेदनशीलता क्यों खत्म हो रही है। मंत्री ठाकुर ने कहा कि संस्कारों की कमी और आध्यात्म से विमुख होना भी बच्चियों के लिए पिशाच जैसी सोच को बढ़ावा दे रही है। ठाकुर ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से निवेदन करेंगी कि मासूम बच्चियों के बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जाए, उन्हें चौराहे पर लटकाया जाए। उन्होंने कहा कि अब बलात्कारियों को पैरोल पर छोडऩे की व्यवस्था भी खत्म की जाएगी।