कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है । सारे देश में असाधारण स्थितियां निर्मित हुईं हैं । सरकार को गंभीरता ,समझदारी और दूरदर्शिता से असाधारण फैसले तत्काल लेना चाहिए ।

अब समय आ चुका है जब सारे देश में चिकित्सा सेवाओं का राष्ट्रीयकरण किया जाए ।सरकार निजी अस्पतालों का अधिग्रहण करे ।निजी क्षेत्र के अस्पतालों की धंधेबाजी और अमानवीय तरीके से हो रही जनता की लूट को रोका जाए ।

अधिकांश जनता घनघोर आर्थिक संकटों से त्रस्त है। जनता बेहद निराश है ।सरकार से संरक्षण और ठोस मदद नहीं मिल पा रही है ।सरकार की घोषणाएं सिर्फ कागजी साबित हो रही हैं ।

इसलिए सरकार का दायित्व है कि आर्थिक संकटों से जूझ रही जनता को सम्मानजनक आर्थिक मदद तत्काल ही प्रदान की जाए ।
इस घनघोर संकट के समय में कमजोर तबकों ,दलितों ,वंचितों ,आदिवासियों ,विस्थापितों के जीवन और हितों की सुरक्षा पर प्राथमिकता से ध्यान देना बेहद जरूरी है ।

इस संकट के समय में भी नफ़रत की राजनीति करने वाली सांप्रदायिक ,प्रतिगामी ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ।

शैलेन्द्र शैली ।

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