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आज सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. हमें  पल-पल की जानकारी बैठे-बैठे ही सोशल मीडिया के जरिए मिल जाती है, जिसे हम सच मानते हैं. जहां इंटरनेट का इस्तेमाल अच्छे काम के लिए होता है, तो वहीं समाज में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसका इस्तेमाल गंदगी फैलाने के लिए करते हैं. इसी बात पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया पर लोग अपनी मर्यादाएं न भूलें.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ सोशल मीडिया पर कभी-कभी लोग मर्यादाएं भूल जाते हैं. किसी भी झूठी बात को सुना और उसे शेयर कर देते हैं.’ उन्होंने कहा कि कई बार तो उसे सुनते भी नहीं हैं. कई लोग ऐसे–ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, जो समाज में अस्वीकार्य है, शोभा नहीं देता है. यहां तक कि महिलाओं के खिलाफ भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.

मोदी ने कहा, ‘यह किसी राजनीतिक दल की बात नहीं है. बल्कि सवा सौ करोड़ लोगों की है. ऐसे में हमें ये संकल्प लेना है कि इस सोशल प्लेटफार्म का इस्तेमाल कभी भी गंदगी फैलाने के लिए नहीं करेंगे.’ उन्होंने कहा कि स्वछता अभियान दिमागी स्वच्छता से भी जुड़ा है.

उन्होंने कहा, तू-तू मैं-मैं हर देश में होती होगी. पहले कभी किसी को भनक तक नहीं लगती थी. मैं तो कभी-कभी हैरान हो जाता हूं कि आज दो पड़ोसियों की लड़ाई को भी सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जाता है और वह नेशनल न्यूज बन जाती है.’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल सकारात्मक चीजों के लिए किया जाए. ‘‘ हमारे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि देश में सकारात्मक खबरों का माहौल तैयार किया जाना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि नकारात्मक खबरों से लोगों में निराशा का भाव उत्पन्न होता है. जब प्रकाश फैलेगा तब निराशा के लिए कोई जगह नहीं होगी.

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