MP Minister says will approach high court over EC disqualification notice

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री और विधायक नरोत्तम मिश्रा के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है। 2008 के विधानसभा चुनाव में मिश्रा पर लगे पेड न्यूज के मामले में यह फैसला सुनाया गया। इसके बाद नरोत्तम मिश्रा का मंत्री पद और विधायकी दोनों चली जाएगी। अब वे तीन साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।

चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद मंत्री नरोत्तम मिश्रा अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। मिश्रा का कहना है कि चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे। यह वर्तमान का चुनाव नहीं है, यह 2008 का चुनाव है। इसके बाद मैंने 2013 फिर चुनाव लड़ा था, जिसके बाद वापस विधायक बना। फैसला लेने से पहले मेरे पक्ष को नहीं देखा गया।

दरअसल यह मामला साल 2008 का है जब दतिया के पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने नरोत्तम मिश्रा विधानसभा चुनाव के दौरान अखबारों में पेड न्यूज छपवाने का आरोप लगया था और धारा 10 ए के तहत चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत की थी। पेड न्यूज का हिसाब चुनाव खर्च में नहीं देने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी।

चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने नैतिकता के आधार पर नरोत्त‍म मिश्रा ने इस्तीफा मांगा है। मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष ने ट्वीट कर उन्हें तत्काल इस्तीफा देने की मांग की है। उधर कुछ नेताओं का कहना है कि अगर मंत्री अपना इस्तीफा नहीं दे रहे तो सीएम शिवराज सिंह चौहान को उन्हें हटा देना चाहिए।

चुनाव आयोग ने इस मामले को लेकर नरोत्तम मिश्रा को जनवरी 2013 में नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाय था। चुनाव आयोग की कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट की युगल खंडपीठ में याचिका दायर की थी। इस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने मिश्रा का चुनाव शून्य घोषित कर दिया।

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