kamalnath completed his promise

मध्‍यप्रदेश में किसानों की नाराजगी ने भाजपा की हार में अहम रोल निभाया है. वहीं कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र (घोषणा पत्र को वचन-पत्र कहा गया) में कहा था कि वो सरकार में आते ही 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर देगी. नतीजे आने के बाद से ही इस मामले को लेकर कांग्रेस सोशल मीडिया में काफी ट्रोल हो रही थी कि कांग्रेस कर्ज माफी का एलान कब करेगी और इसके लिए इतना बजट कहां से लाएगी?

प्रदेश के मुख्‍यमंत्री के तौर पर कमलनाथ के नाम की घोषणा होने के बाद एक निजी चैनल ने जब उनसे ये सवाल पूछा तो उन्‍होंने दोहराया कि हम 10 दिन के अंदर कर्जमाफी की घोषणा कर देंगे. लेकिन इस सवाल के जबाव पर कि इसके लिए कर्ज में दबे प्रदेश के पास पैसा कहां से आएगा, तब कमलनाथ ने इसका सटीक जबाव न देकर ये कहा कि हमने इसके लिए कुछ सोचकर रखा है.

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21 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

खैर, कमलनाथ ने सीएम बनने के बाद अपना वादा निभाया और शपथग्रहण के बाद सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर दस्तखत किए. कमलनाथ सरकार के इस पहले फैसले के तहत उन किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिलेगा, जिन्होंने राज्य में स्थित सहकारी या राष्ट्रीयकृत बैंकों से शॉर्ट टर्म लोन लिया है. ऐसे किसानों का 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा. इसका फायदा राज्य के 21 लाख किसानों को मिल सकता है. इस घोषणा के चलते  राज्य सरकार के खजाने पर 15 हजार करोड़ रुपए का भार आ सकता है. वैसे 30 सितंबर 2018 की स्थिति के मुताबिक राज्य के 40 लाख किसानों का 57 हजार करोड़ रुपए का कृषि ऋण बकाया है.

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