भारतीय सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं में गिना जाता है. ग्लोबल फायरपावर सूची में भारतीय सेना चौथे स्थान पर है. भारतीय सेना के बेड़े में जहां सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस, अग्नि, पृथ्वी, आकाश,बैलेस्टि और नाग जैसी आधुनिक मिसाइलें हैं, तो
वहीं दुश्मन को ढेर करने के लिए भारतीय सेना एक से बढकर एक आधुनिक राइफल का इस्तेमाल करती है. इनमें इंसास, एके 47 राइफल,एके 103 और 203 राइफल,ड्रेगुनोव स्नाइपर राइफल,एसएएफ कार्बाइन 2ए1,आईएमआई टॉवोर टार 21 राइफल, एनएसवी हैवी मशीन गन के साथ-साथ सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल ऑटो 9 एमएम 1ए का इस्तेमाल करती है. तो चलिए आपको बताते हैं इनकी खूबियां
इंसास: मौजूदा समय में भारतीय सेना इंसास का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती है. भारत में निर्मित इंसास का पूरा नाम Indian New Small Arms System है.
एके 47 राइफल: इस राइफल की सबसे बड़ी खासियत ये है यह एक मिनट में 600 राउंड फायर कर सकती है. भारत सहित दुनिया के कई देशों की सेनाएं इसका इस्तेमाल करती हैं.
एके 103 और 203 राइफल: भारतीय सेना एके 103 राइफल का इस्तेमाल कर रही है. जबकि एके 203 राइफल के उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश के अमेठी में कारखाना लगाया गया है. एके 203 राइफल रूस के सहयोग से देश में ही निर्मित की जाएगी. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें नाइट विजन के साथ टेलिस्कोपिक लेंस भी लगाया जा सकता है. साथ ही इसे अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
ड्रेगुनोव स्नाइपर राइफल: ड्रेगुनोव स्नाइपर का इस्तेमाल शीत युद्ध के दौरान किया जाता था. इसमें 7.62×54 मिलीमीटर का कॉर्टरेज का इस्तेमाल होता है. यह राइफल 800 से 900 मीटर तक सटीक निशाना लगाने में सक्षम है.
एसएएफ कार्बाइन 2ए1: कानपुर के आयुध निर्माण कारखाने में निर्मित एसएएफ कार्बाइन 2ए1 का इस्तेमाल भारतीय सेना और भारतीय नौसेना के MARCOS द्वारा किया जाता है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है.इसका उपयोग ज्यादातर आतंकवादी हमलों के समय स्पेशल ट्रेंड कमांडो करते हैं. इसके बैरल में साइलेंसर भी फिट किया साथ लगाया गया है।
आईएमआई टॉवोर टार 21 राइफल: इसका इस्तेमाल मार्कोज, गरुड़, पैरा रेजीमेंट, सीआरपीएफ द्वारा किया जाता है.
एनएसवी हैवी मशीन गन; सोवियत निर्मित आईएमआई टॉवोर टार 21 राइफलका निर्माण आयुध कारखानों बोर्ड के आयुध निर्माण फैक्ट्री तिरुचिरापल्ली में किया गया है.
पिस्टल : भारतीय सेना सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल ऑटो 9 एमएम 1ए इस्तेमाल करती है.इसका निर्माण राइफल फैक्ट्री इसापोर में किया जाता है. 13 राउंड की मैगजीन का इस्तेमाल होता है. मौजूदा दौर में कई राज्यों की पुलिस भी इसका इस्तेमाल कर रही है.