नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया):  5 राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद राजनीति अब दूसरे पड़ाव पर आ गई है। खासकर यूपी के नतीजों ने भविष्य की राजनीति को लेकर स्पष्ट संकेत दे दिए। अब आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। बीएसपी सुप्रीमो ने प्रेस कांफ्रेंस करके आरोप लगाया कि नतीजों को देखने के बाद ईवीएस से छेड़खानी की साजिश दिखाई दे रही है।

मायावती के आरोप को अखिलेश ने भी दबे स्वर में माना और कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर ये जोक पहले से ही वायरल हो रहा था कि कोई भी बटन दबाओ कमल को ही वोट जाएगा । ऐसे में सवाल जन्म लेता है कि क्या वाकई EVM मशीन से छेड़खानी की जा सकती है।

इस सवाल का जवाब जानने से पहले ये जान लेना चाहिए कि आखिर EVM क्या है। EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन,ये एक कंट्रोल यूनिट होती है। ये बैलट यूनिट और केबल ये मशीन 6 वोल्ट की बैटरी से भी चलाया जा सकता है। अपनी पसंद के उम्मीदवार के आगे दिया बटन दबाने के बाद, एक वोट लेते ही मशीन अपने आप लॉक हो जाती है। एक वोट के बाद मशीन सिर्फ नए बैलट नंबर से ही खुल सकती है। जिसमे एक मिनट में सिर्फ 5 वोट ही दिए जा सकते हैं। EVM मशीनें बैलट बॉक्स के मुकाबले आसान मानी जाती हैं, उनकी स्टोरेज, गणना बाकि सब कुछ ज्यादा आसान है। भारत में इनका इस्तेमाल 15 साल पहले शुरू हुआ लेकिन जानकारों का मानना है कि ईवीएम मशीनें काफी असुरक्षित होती हैं।

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