jharkhandबिहार-झारखण्ड के नक्सल प्रभावित सीमावर्ती क्षेत्रों के ग्रामीण इन दिनों काफी दहशत में हैं. सक्रिय नक्सली संगठन लेवी में वसूले गए करोड़ों के हजार व पांच सौ के नोट ग्रामीणों के सहारे एक्सचेंज कराने में लगे हैं.

गया जिले के बांके बाजार एवं गुरारू क्षेत्र में रुपया बदलवाने आए प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के एक एरिया कमांडर सहित तीन माओवादियों की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है. एक हजार और पांच सौ के पुराने नोटों का चलन बंद कर देने की घोषणा से कालाधन इकट्ठा करने वालों के साथ-साथ नक्सली संगठनों को भी परेशानी होने लगी है.

लेवी में वसूले गए करोडों रुपये नक्सली संगठनों के पास हैं. नक्सली संगठन हथियार, गोला बारूद की खरीद, कैडर को प्रति महीने दी जाने वाली राशि और रोजमर्रा की आवश्यक्ताओं के समानों की खरीद में इसी राशि का उपयोग करते हैं. अब उन पैसों को नए नोटों में बदलवाने के लिए नक्सली अपने प्रभाव क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों का सहारा ले रहे हैं.

इससे बिहार व झारखंड की सीमा और जीटी रोड के किनारे स्थित गांव के ग्रामीणों में दहशत है. जनधन योजना के तहत जिन ग्रामीणों का बचत खाता बैकों की शाखाओं मेंं खोला गया है या जिनका बैंक खाता पहले से है, उन्हें नक्सली दस हजार से पचास हजार तक के पांच सौ व हजार के पुराने नोट जमा करने के लिए दे रहे हैं. इसमें सहयोग नहीं करने वाले ग्रामीणों को सजा भुगतने की भी चेतावनी दी जा रही हैं.

इससे बिहार, झारखण्ड की सीमा से लगे गया जिले के शेरघाटी अनुमंडल, औरंगाबाद और नवादा जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बैक की शाखाओं में काम करने वाले बैककर्मी भी दहशत में हैं. क्योंकि नोट बदलने वाला कौन व्यक्ति नक्सली या नक्सली समर्थक या आम आदमी है, यह पता नहीं चल पाता है. खुफिया एजेंसियों ने इस बात की पुष्टि करते हुए केन्द्र व राज्य सरकार और गया की वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक को इसकी सूचना दी है.

13 नम्बवर 2016 को गया जिले के बांके बाजार थाना इलाके में एक बैंक की शाखा से माओवादी एरिया कंमाडर सीताराम भुईयां और गया यादव को गिरफ्तार किया गया. वहीं गुरारू में पूर्व माओवादी एरिया कंमाडर रौशन कुमार को बैंक की एक शाखा से रुपये एक्सचेंज कराने के दौरान गिरफ्तार किया गया. पुलिस की पूछताछ में भी इन्होंने लेवी में मिले हजार-पांच सौ के नोटों को बदलवाने की बात कबूली.

इस सूचना के बाद गया की एसएसपी गरिमा मलिक ने सभी संवेदनशील इलाके के थानाध्यक्षों को विशेष हिदायत दी है. पुलिस को संबंधित बैकों से संपर्क में रहने और इनपुट लेने का निर्देश दिया गया है. पुलिस गांव के उन बीपीएल कार्डधारकों के बारे में जानकारी इकट्टा कर रही है, जिन्होंने पिछले कई माह से अपने बैंक एकाउंट में कोई जमा-निकासी नहीं किया और आचानक बड़ी रकम जमा करते हैं.

इसके अलावा उन मध्यम वर्गीय ग्रामीण खाताधारकों की भी सूची बनाई जा रही है, जिनके एकाउंट में अचानक बड़ी राशि का ट्रांजेक्शन हो रहा है. नक्सलियों के पास जमा धन राशि को बदलने की प्रकिया पर विभिन्न खुफिया एजेंसियों की सक्रियता भी बढ गई हैं. एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि नक्सलियों के पास जमा कैश राशि के ट्रांजेक्शन पर पुलिस की नजर है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के करीब पांच दर्जन से अधिक संदिग्ध लोगों के मोबाईल को सर्विलांस पर रखा गया है.

एक अनुमान के मुताबिक बिहार-झारखंड में सक्रिय नक्सली संगठनों के पास साढ़े चार सौ से पांच सौ करोड़ रुपये कीमत तक के पांच सौ-हजार के नोट हो सकते हैं. पोलित ब्यूरो, रिजनल ब्यूरो, रिजनल कमिटी, जोन तथा सबजोन के सदस्यों के सहारे नक्सली लेवी वसूलने का काम करते हैं. बिहार के एक जोन में नक्सली संगठनों द्वारा प्रतिमाह करीब पचास लाख की लेवी वसूली जाती है. भाकपा माओवादी ने बिहार को 11 जोन में बांट रखा है. सूत्रों ने बताया कि माओवादियों के एक जोन में करीब पांच करोड़ के पांच सौ-हजार के नोट हैं.

नक्सली संगठनों के शीर्ष नेता ग्रामीणों के बीच खुद जाकर हजार व पांच सौ के नोट को बदलवाने में सहयोग करने की अपील कर रहे हैं. इन नोटों को बदलवाने के लिए ग्रामीणों को भाड़े की गाड़ी से शहर भेजा जा रहा है. इससे दहशत में रह रहे कई ग्रामीण, माओवादियों के डर से फिलहाल शहर तथा अपने रिश्तेदारों के यहां शरण लेने को विवश हैं.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here