mamta-banerjee-noteban-rallyचौथी दुनिया ब्यूरो: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी अब मोदी सरकार के द्वारा लगाए गए नोटबंदी के फैसले का विरोध करने की योजना बना चुकी हैं. इस मुद्दे को लेकर ममता ने बंगाल के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में रैलियां करने का एलान किया है।

नोटबंदी के चलते लोगों को हो रही दिक्कत को देखते हुए ममता ने ये फैसला लिया है. ममता कल दिल्ली आने वाली हैं. उन्होंने कहा कि मोदी को एक प्रधानमंत्री की तरह बर्ताव करना चाहिए पर वो ऐसा नही कर रहे हैं.

ममता ने कहा कि सरकार लगातार अपने लिए फैसले बदल रही है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है. ममता ने कहा की सरकार नोटबंदी की आड़ में किसी अन्य मकसद से काम कर रही है. फैसले के पीछे सरकार का कोई छिपा एजेंडा है। सरकार को खुद ही नही पता की वो करना क्या चाहती है.

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ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस नोटबंदी मुद्दे पर बुधवार को महानगर में एक रैली निकालेगी। इसके अगले दिन से बाकि के राज्यो में भी रैली निकली जाएगी जिसमे ममता की पार्टी के सभी समर्थक शामिल होकर विरोध दर्ज करेंगे.

ममता ने बताया की वो २३ व २४ नवंबर को दिल्ली में रहेंगी और उसके बाद 29 नवंबर को लखनऊ में रैली करेंगी। उन्होंने कहा की अचानक से सरकार ने नोटबंदी का फैसला क्यों लिया और क्या ऐसा करने से काल धन वापस आ जायेगा. ममता ने कहा की मोदी को सभी पार्टियों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर कोई ठोस हल निकलना चाहिए था.

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, मैं 29 नवंबर को लखनऊ और एक और दो दिसंबर को बिहार में भी एक या दो बैठकों को संबोधित करूंगी. आम लोगों की तरफ से मैं पंजाब में भी जाकर बोलूंगी. ममता ने कहा, जब तक लोगों को इंसाफ नहीं मिल जाता, मेरी लड़ाई जारी रहेगी.

ममता ने कहा कि पश्चिोम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, असम तथा कुछ अन्य भागों में तृणमूल कांग्रेस अलग से विरोध प्रदर्शन करेगी. यह पूछे जाने पर कि बिहार का कार्यक्रम कैसे सफल होगा, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नोटबंदी का समर्थन किया है, उन्होंने कहा, तो क्या? वहां और कोई नहीं है? लखनऊ के विरोध प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के भी शामिल होने की संभावना पर ममता ने कहा, अगर वह शामिल होते हैं, तो अच्छी बात होगी.

गौरतलब है कि नोटबंदी के फैसले के बाद से ही इसका विरोध करने वाले विपक्षी नेताओं में ममता बनर्जी सबसे आगे रही हैं. पिछले बुधवार को उन्होंने तीन अन्य पार्टियों-आम आदमी पार्टी (आप), शिव सेना तथा नेशनल कांफ्रेस (नेकां) के नेताओं के साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी. उसके एक दिन बाद ही ममता ने दिल्ली के आजादपुर मंडी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ संयक्त रूप से एक बैठक को संबोधित किया था और केंद्र सरकार को नोटबंदी का फैसला वापस लेने के लिए 72 घंटे की समय सीमा दी थी.

पिछले 20 नवंबर को आगरा रैली में उन पर अप्रत्यक्ष रूप से पीएम मोदी के हमले का भी ममता ने कड़े शब्दों में जवाब दिया था. आगरा में आयोजित बीजेपी की परिवर्तन रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, मैं जानता हूं कि किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं… क्या देश नहीं जानता कि चिटफंड व्यापार में किन लोगों का पैसा निवेश किया गया? करोड़ों लोगों ने अपना पैसा इन चिटफंड में लगाया.

खुद पर हुए इस अप्रत्यक्ष हमले का जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, प्रधानमंत्री जी, आप भ्रष्टाचार को उन सभी से जोड़ रहे हैं, जो आपकी नीतियों का विरोध करते हैं. क्या आप ही अकेले जादूगर हैं? जनता की आवाज़ को सुनिए, उनके दर्द को महसूस कीजिए. वे परेशानियां झेल रहे हैं, और वे इसके लिए आपको माफ नहीं करेंगे.

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