भोपाल/ मानसून के इस मौसम में और कोरोना संक्रमण के दौर में भोपाल के जनता क्वार्टर ऐशबाग के निवासियों को बिना पुनर्वास विस्थापित किये जाने की घोषणा की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भत्सर्ना करती है और माँग करती है कि निवासियों को आवास की समुचित और निशुल्क व्यवस्था किये बिना हटाया नही जाए।
सीपीआई के जिला सचिव कॉमरेड शैलेन्द्र कुमार शैली ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि स्थानीय निवासियों और समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना मिली है कि हाउसिंग बोर्ड के ऐशबाग स्थित जनता क्वार्टर के निवासियों को उनके आवास जर्जर होने की बात कहकर एक दिन में हट जाने का फरमान दिया गया है। यह पूरी तरह से अव्यवहारिक और जन विरोधी है।
आवास जर्जर हैं तो यह हाउसिंग बोर्ड की भी जिम्मेवारी है जिसने तीस सालों में मरम्मत पर कोई काम नही किया है। यह समय भीषण बरसात के शुरू होने का है और कोरोना का संक्रमण अभी भी मौजूद है। ऐसे में सिर्फ एक दिन के नोटिस पर वहाँ के निवासी कहाँ जाएंगे? उनके बच्चों और महिलाओं की तकलीफ का क्या शिवराज सरकार को जरा भी ख्याल नही है?
सीपीआई माँग करती है कि पहले सभी वर्तमान निवासियों को निवास की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। नगर निगम और भोपाल विकास प्राधिकरण के बहुत से मकान जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीनीकरण मिशन और राजीव आवास योजना के अंतर्गत बनाये गए हैं जो खाली पड़े हैं।
इन लोगों को नजदीकी आवास निशुल्क आवंटित किये जायें। इसके बाद ही मकान तोड़ने की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए। रहवासियों को यह भी गारंटी दी जानी चाहिए कि वर्तमान स्थल पर जब नए आवास निर्मित हो जाएंगे तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर निशुल्क उपलब्ध कराए जायेंगे। यदि उपरोक्त व्यवस्था के बिना विस्थापन की कार्यवाही की जाती है तो सीपीआई द्वारा प्रखर आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी हाउसिंग बोर्ड और प्रशासन की होगी।
शैलेन्द्र शैली,
जिला सचिव, सीपीआई