भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में लगी आग से मरने वाले नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। इस समय सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चार बच्चों की मौत हुई है। एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
हालांकि, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मंगलवार सुबह अस्पताल का दौरा किया और दावा किया कि 36 बच्चों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि हर परिजन को अस्पताल में बच्चों से मिलाया जा रहा है। 4-4 परिजनों को एक बार में अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हादसे की जानकारी लेने अस्पताल पहुंच सकते हैं। इससे पहले इस हादसे की जांच का कर रहे अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान अस्पताल पहुंचे। डीन भी उनके साथ थे। परिजनों का दावा है कि रात ढाई बजे से मंगलवार सुबह तक अस्पताल प्रबंधन ने कई लोगों को बच्चों की मौत की खबर दी है। ऐसे में आंकड़ा बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
बिल्डिंग शिफ्टिंग से पहले हादसा
बताया जा रहा है कि जिस चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी है, उसे नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना था। अफरा-तफरी के बीच नवजात बच्चों को संभालना डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन चिंतित परिजनों को समझाना भी मुश्किल काम था। पुलिस जवान और फायरकर्मी बेकाबू परिजनों को संभालने में लगे थे। यहां परिजन जिस वार्ड में बच्चों को रखा था, उसमें घुसने के लिए दरवाजे तोड़ने पर आमादा थे।
घुटनों के बल अंदर गए फायरकर्मी
फायरकर्मी अदनान ने कहा कि सीढ़ियों से लेकर गलियारे तक में परिजन दौड़ रहे थे। चारों ओर धुआं था। घुटनों के बल चलते हुए वार्ड के अंदर पहुंचे। 3 बच्चों और एक बेसुध नर्स को बाहर निकालकर लाए। वार्डों में लपटें कम, धुआं ज्यादा था। सभी खिड़कियों के कांच तोड़े, ताकि धुआं बाहर निकले।
मुख्यमंत्री ने ACS को सौंपी जांच
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख जताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में आग की घटना दुखद है। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ये जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान करेंगे। घटना पर मेरी लगातार नजर है।
40 बच्चे भर्ती थे एसएनसीयू में
भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया के कैम्पस में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल है। इसमें ही सोमवार रात करीब 9 बजे आग लगी थी। अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बच्चा वार्ड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती थे, जहां आग का सबसे अधिक नुकसान हुआ है। सूत्रों का कहना है कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली।
7 अक्टूबर को भी लगी थी आग
हमीदिया अस्पताल कैम्पस में 7 अक्टूबर को भी नई बिल्डिंग में दूसरे तल पर ठेकेदार के स्टोर रूम में आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों ने एक घंटे में इस पर काबू पाया था। तब ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।