लखीमपुर हिंसा मामले बड़ा खुलासा हुआ है। FSL से आई बैलिस्टिक में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की रिवाल्वर और राइफल से फायरिंग की पुष्टि हुई है। पुलिस ने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे और मुख्य आरोपी आशीष मिश्र और उसके दोस्त अंकित दास के चार असलहों को जब्त किया था। इसमें अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवाल्वर शामिल थी। पुलिस ने चारों असलहों की FSL रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में इन्हीं असलहों से फायरिंग की पुष्टि हुई है। अंकित दास और लतीफ SIT के सामने जान बचाने के लिए फायरिंग की बात स्वीकार कर चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर खीरी दौरे के विरोध में हुई 3 अक्टूबर की हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रही कार ने चार किसानों और एक पत्रकार को टक्कर मार दी।

किसानों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में आशीष मिश्रा, आशीष पांडे और लवकुश राणा शामिल हैं।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर की गई स्थिति रिपोर्ट पर नाखुशी व्यक्त की और सुझाव दिया कि उच्च न्यायालय के एक पूर्व न्यायाधीश उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चल रही जांच की निगरानी करें।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 8 नवंबर को कहा कि वह नहीं चाहता कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच जारी रखे. बता दें कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में तीन अक्टूबर को हुई घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नामित किया था.

 

चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में राज्य सरकार को सुझाव दिया कि इस जांच की निगरानी किसी ‘अन्य हाई कोर्ट’ के पूर्व न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए ताकि ‘स्वतंत्रता और निष्पक्षता’ को बढ़ावा दिया जा सके.

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