सितंबर, 2013 में भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय से प्रदेश भाजपा के मुख्यालय में आए 15 लाख यानी पांच-पांच लाख के तीन ड्राफ्ट जहां पहुंचने थे, वहां नहीं पहुंचे. उक्त ड्राफ्ट आईटीबीपी के तीन शहीद जवानों के आश्रितों तक पहुंचने थे. इस खुलासे के बाद यह प्रकरण तीरथ सिंह रावत और उनकी टीम के लिए गले की फांस बन गया है. प्रदेश भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी कि शहीद जवानों के आश्रितों को अब तक पांच-पांच लाख रुपये की उक्त सहायता राशि नहीं मिल सकी है, जिसे पाने के लिए वे दर-दर भटकते रहे, लेकिन सबने उनकी आवाज़ अनसुनी कर दी.
ग़ौरतलब है कि सवा साल पहले प्रदेश में आई भीषण आपदा के दौरान आईटीबीपी के तीन जवान शहीद हो गए थे. भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शहीदों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये पार्टी फंड से देने की घोषणा की थी. यह धनराशि उनकी ओर से उत्तराखंड भाजपा कार्यालय को ड्राफ्ट के रूप में समय पर भेज भी दी गई, लेकिन दु:ख की बात यह है कि उक्त ड्राफ्ट शहीदों के आश्रितों को आज तक नहीं मिल सके. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इसे शहीदों का अपमान मानते हुए पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को उत्तराखंड भाजपा द्वारा बरती गई लापरवाही के बारे में एक नोट भी लिखा है. शाह ने तत्काल टीम तीरथ से इस बावत रिपोर्ट मांगी है कि आख़िर किस वजह से भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय से भेजे गए 15 लाख रुपये अब तक शहीदों के आश्रितों तक नहीं पहुंचाए गए.
भाजपा के एक अन्य गुट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहा कि टीम तीरथ पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए, वह ड्राफ्ट प्रकरण पर निष्पक्ष रिपोर्ट नहीं दे सकती, क्योंकि पूरे प्रकरण में टीम तीरथ ही शामिल है. लिहाजा यदि वह इस मामले की जांच-पड़ताल करेगी, तो वास्तविकता सामने नहीं आ पाएगी.
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उपचुनाव और पंचायत चुनाव में भाजपा की हार के चलते पहले से ही टीम तीरथ से नाराज़ चल रहे हैं. इस वजह से उन्होंने टीम तीरथ को नई दिल्ली में मिलने का समय तक नहीं दिया. अब ड्राफ्ट प्रकरण ने पार्टी के अंदर दिल्ली से लेकर देवभूमि तक भूचाल खड़ा कर दिया है. टीम तीरथ विरोधी लॉबी ने ड्राफ्ट मामले को लेकर भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं को जानकारी दी है कि खास रणनीति के तहत ही पार्टी के एक ज़िम्मेदार पदाधिकारी ने शहीदों के आश्रितों तक यह धनराशि पहुंचाने की कोशिश नहीं की. यह लॉबी सच्चाई सामने लाने के लिए जांच की मांग कर रही है. भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि शहीदों के आश्रितों तक ड्राफ्ट न पहुंचना एक बहुत बड़ी गलती है. प्रदेश भाजपा के एक गुट ने ड्राफ्ट प्रकरण की जांच केंद्रीय स्तर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की अगुवाई में कराने की मांग की है.
भाजपा के एक अन्य गुट ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से कहा कि टीम तीरथ पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए, वह ड्राफ्ट प्रकरण पर निष्पक्ष रिपोर्ट नहीं दे सकती, क्योंकि पूरे प्रकरण में टीम तीरथ ही शामिल है. लिहाजा यदि वह इस मामले की जांच-पड़ताल करेगी, तो वास्तविकता सामने नहीं आ पाएगी. मालूम हो कि इस प्रकरण के कई साल भी पहले पार्टी फंड में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए प्रदेश स्तर पर एक टीम गठित की गई थी, लेकिन फंड में हुई उक्त गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हो सकी. इसलिए अच्छा यह होगा कि ड्राफ्ट प्रकरण की जांच-पड़ताल केंद्रीय नेताओं की टीम करे. बताते हैं कि संघ ने भी इसे काफी गंभीरता से लिया है. संघ का स्पष्ट कहना है कि भाजपा सवा साल पहले प्रदेश में आई आपदा को लेकर राज्य सरकार को लगातार घेरती और उस पर हमले करती रही है. ऐसे में टीम तीरथ की ओर से बरती गई इस लापरवाही से पूरे प्रदेश में पार्टी के ख़िलाफ़ एक गलत संदेश गया है.