कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने उठाया था विधानसभा में प्रश्र

भोपाल। राजधानी के कबाडख़ाना क्षेत्र में विवादित जमीन का कब्जा एक पक्ष को दिलाए जाने को लेकर शहर के बड़े इलाके में कफर््यू लगाए जाने की बात से सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद द्वारा रखे गए प्रश्र के जवाब में सरकार ने इस बात से इंकार कर दिया कि उसकी तरफ से कफर््यू लगाने के कोई आदेश दिए गए हैं। सरकार की तरफ से आए जवाब में शहर में महज धारा 144 लागू किए जाने की बात कही गई है, जबकि 17 जनवरी को हुए इस घटनाक्रम के दौरान पुराने शहर के अधिकांश इलाके और नए शहर के कई हिस्से घोषित तौर से कफर््यू के दौर से गुजरे हैं।

इब्राहिमगंज में सिंधी कॉलोनी कबाडख़ाने में कब्रस्तान की जगह पर कफ्र्यू लगाकर फैंसिंग करने को लेकर विधायक आरिफ मसूद प्रश्र लगाया गया था। शुक्रवार को प्रश्न क्रमांक 12 पर इस बाबत चर्चा होना थी। समय कम होने की वजह से इसका लिखित जवाब गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने दिया। जिसमें उन्होंने उत्तर देते हुए कहा है कि कब्रस्तान की विवादित जगह राजदेव न्यास की है। उन्होंने प्रश्र के एक हिस्से के जवाब में कहा है कि कानून व्यवस्था की दृष्टि से दिनांक 17 जनवरी 2021 को पुलिस द्वारा कानून व्यवस्था ड्यूटी के दायित्वों का निर्वहन किया गया था, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लगाई गई थी। जो पहले भी कई अवसरों पर लगाई गई है। उन्होंने कहा कि कब्जा दिलवाने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

सबको पता है कर्फ़्यू था या कुछ और : मसूद

शहर को जबरिया कर्फ़्यू के हवाले कर कब्रस्तान की जमीन का एक पक्ष को कब्जा दिलाए जाने का सवाल लहराने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने जवाब से असंतुष्टि जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शहर से लेकर मीडिया तक और जिम्मेदारों से लेकर सरकार तक को पता है कि क्या कार्यवाही हुई है, क्या व्यवस्था लागू की गई और किसको फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि समय की कमी के कारण प्रश्र पर चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन इस बारे में आगे चर्चा जरूर की जाएगी।
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क्या था मामला

राजधानी के पुराने इलाके में स्थित वक्फ कब्रस्तान काले पीर के करीब साढ़े 37 हजार वर्गफीट जमीन को विवादित मानते हुए इसके आधिपत्य को लेकर मोहम्मद सुलेमान और राजदेव ट्रस्ट के बीच अदालती मामला चल रहा है। जबलपुर हाईकोर्ट में प्रचलित इस मामले में थाना हनुमानगंज प्रभारी को रिसीवर नियुक्त किया गया है। पिछले दिनों इस रिसीवर व्यवस्था को हटाते हुए विवादित जमीन का आधिपत्य मामले के एक पक्षकार राजदेव ट्रस्ट को सौंपने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की थी। 17 जनवरी को इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पुराने शहर के पूरे इलाके में कफर््यू लागू कर दिया गया था। इस स्थिति के चलते नए शहर का बड़ा क्षेत्र भी प्रभावित हुआ था। इस मामले को लेकर पूर्व में क्षेत्रीय विधायक आरिफ अकील ने भी आपत्ति जताते हुए इस प्रक्रिया को नियमों से परे करार दिया था। उन्होंने इस मामले को लेकर मप्र वक्फ अभिकरण में मामला भी दर्ज कराया है। इधर जिला प्रशासन की इस दमनपूर्ण कार्यवाही के बीच अदालत ने पिछले दिनों देरी से दिए फैसले में विवादित जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए हैं।

खान आशु

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