नई दिल्ली (चौथी दुनिया): जापान के कस्बे में अजीबों गरीब प्रथा देखने को मिली। यहां लोग मंदिर को आग के हवाले कर देते हैं। ये प्रथा बरसो से जापान के नगानों नाम के कस्बे में चलती आर रही है। हर साल इसी मौसम में मंदिर को आग के हवाले किया जाता है।
कैसे होती है ये परंपरा
जनवरी फरवरी के मौसम में मंदिर को जलाया जाता है। मंदिर के निचले हिस्से में गांव के 25 साल के नौजवान खड़े रहते हैं। ऊपरी हिस्से में 40 साल से ज्यादा की उम्र के लोग रहते हैं। इन लोगों की जिम्मेदारी होती है कि मंदिर को आग लगने से बचाना है। गांव के लोग रौशनी और आतिशबाजियों के साथ आते हैं और मंदिर को जलाने की कोशिश करते हैं। नौजवानों की कोशिशों के बाद मंदिर को आग लगा दी जाती है।
क्यो होती है ये परंपरा
जापान के नागानो के लोगों की मान्यता है कि इस तरह से आत्माओं को इज्जत मिलती है। जो नौजवान मंदिर को बचाने की कोशिश करते हैं उन्हे आत्माओं का आर्शीवाद मिलता है। इसकी तैयारी साल के शुरुआत से ही शुरू हो जाती हैं। इस मंदिर को बनाकर नौजवानों के कंधे पर रखा जाता है और फिर वो इसे आयोजन स्थल पर पहुंचाते हैं। जहां मंदिर को आग लगा दी जाती है।