बांका, बिहार। गाँव की महिलाओं को जागरूक और सशक्त किये बिना लैंगिक समानता की बातें करना बेमानी है। इसी मर्म को समझते हुए ‘आधी आबादी’ ने इस बार बिहार के बांका जिले के बेलहर प्रखंड के राजपुर गांव में आठ मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ पर एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया।

इस आयोजन में गांव की महिलाओं को स्वास्थ्य, शिक्षा और समानता के अधिकार के प्रति जागरुक किया गया। समस्त ग्रामीणों में इस आयोजन को लेकर काफी उत्साह दिखा। ग्रामीण मुन्नी देवी ने बताया कि उन्होंने पहली बार महिला दिवस का नाम सुना है और वो बहुत खुश हैं कि उनके गाँव में भी पहली बार महिला दिवस मनाया जा रहा है।

इस ऐतिहासिक मौके पर सरपंच गुंजन देवी, वार्ड सदस्य संग अध्यक्ष श्री पवन झा, समाजसेवी सुमित्रानंदन झा, श्री राजेन्द्र झा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

बता दें कि इस अवसर पर गाँव की पाँच बुजुर्ग महिलाओं को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया साथ ही उपस्थित समूह को सैनिटेरी पैड बाँट कर गांव की महिलाओं को माहवारी के प्रति भी जागरूक किया गया। आधी आबादी फाउंडडेशन के प्रबंधक श्री दिनेश के सिंह ने बताया कि वो इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से करते रहेंगे और गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को जागरूक करते रहेंगे।

जाने माने लेखक और पत्रकार हीरेन्द्र झा ने इस मौके पर तय किया है कि वो अब से हर महीने अपने गाँव की महिलाओं को सैनिटेरी पैड उपलब्ध करायेंगे। उन्होंने कहा कि इस छोटे से प्रयास से भी महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में बड़ा परिवर्तन आ सकता है। आज गाँव की महिलाओं को जागरूक करना बहुत जरूरी है। क्योंकि गाँवों को सशक्त और समृद्ध किए बिना देश कभी भी विकसित नहीं बन सकता।

गौरतलब है कि आधी आबादी देश की राजधानी नई दिल्ली से हर महीने एक मासिक पत्रिका भी निकलती है, जो कि महिलाओं पर आधारित एक समसामयिक पत्रिका है।

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