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भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग को लेकर एक अहम् फैसला किया है. इस फैसले के तहत रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने वाले दलालों पर अपना निशाना साधते हुए इनमें कई बदलाव किए हैं. जिसका सीधा असर ब्लैक टिकट बेचने वाले दलालों के धंधे पर होगा।

बता दें कि अब ब्लैक में टिकट बेचने वाले दलालों का धंधा चौपट होने वाला है, क्योंकि तत्काल श्रेणी में एक आइडी से लॉगिन करने पर सिर्फ एक ही टिकट की बुकिंग होगी. दूसरे टिकट के लिए फिर से लॉगिन करनी होगी. वहीं, एक लॉगिन से एक दिन में दो टिकट और एक महीने में छह टिकट से अधिक की बुकिंग नहीं होगी.

इतना ही नहीं अग्रिम आरक्षण का ओपनिंग टिकट भी अब दो से अधिक बुक नहीं कर सकते हैं. एक यूजर एक बार में दो विंडो से अपनी आइडी को ऑपरेट नहीं कर सकेगा.

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि अब ऑनलाइन आरक्षण पर्ची भरने के लिए प्रति यात्री 25 सेकंड का समय तय किया गया है, जबकि भुगतान के लिए अधिकतम 10 सेकंड का समय निर्धारित किया गया है. कैप्चा के लिए 5 सेकंड का समय निर्धारित है. अब लॉगिन करते समय, यात्रियों का विवरण देते समय एवं भुगतान के समय अलग-अलग कैप्चा देना होगा.

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बता दें कि अब एक बार में दो से अधिक तत्काल टिकट की बुकिंग नहीं होगी. एक आइडी पर महीने में छह से अधिक टिकट बुक नहीं किए जा सकते हैं हालांकि आधार लिंक आइडी से महीने में 12 टिकट तक बुक करने की छूट दी गई है. लेकिन इसमें कम से कम एक यात्री का आधार वेरीफाइड होना आवश्यक है.

वही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए एक सत्र में एक आइडी से एक ही टिकट बुक करने की छूट दी गई है. एक दिन में एक आइडी से दो से अधिक टिकट से अधिक की बुकिंग नहीं की जा सकती है. उन्होंने बताया कि तत्काल टिकट की फास्ट बुकिंग के लिए एजेंट द्वारा कंप्यूटर में क्विक बुक फंक्शन सिस्टम लगाए जाने की शिकायतें मिल रही थी.

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अब सुबह 8 बजे से 12 बजे तक कोई भी यात्री अथवा एजेंट इस सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक आरक्षण पर्ची पर क्यूआर बारकोड प्रिंटेड होगा. नेट बैंकिंग के लिए ओटीपी आवश्यक होगा.

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