भारत के सामने पाकिस्तान के तेवर एक बार फिर ढीले पड़े। पाकिस्तान सफेद झंडा दिखाकर जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास से अपने सैनिकों के शवों को उठाकर ले गया। ये पाकिस्तानी सैनिक नियंत्रण रेखा पर भारत की जवाबी कार्रवाई में मारे गए थे। मालूम हो कि पाकिस्तान की तरफ से एलओसी पर अक्सर अकारण गोलीबारी की जाती है।
सेना के के सूत्रों ने बताया कि 10-11 सितंबर को भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर के हाजीपुर सेक्टर में सिपाही गुलाम रसूल को मार गिराया था। गुलाम रसूल पाकिस्तान के बहावल नगर का रहने वाला था। बहावलनगर पाकिस्तान के सिंध प्रांत का हिस्सा है। शुरुआत में पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलीबारी के बीच अपने सैनिक का शव ले जाने का प्रयास किया। इस प्रयास में उनका एक और सैनिक मारा गया।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि इससे पहले पाकिस्तान दो दिन से भारत की तरफ से बार-बार प्रयास करने के बावजूद अपने सैनिकों के शव नहीं ले जा रहा था। भारत की तरफ से नियंत्रण रेखा पर जवाबी कार्रवाई में दो पाकिस्तानी पंजाबी मुसलमान सैनिकों की मौत हो गई थी।
#WATCH Hajipur Sector: Indian Army killed two Pakistani soldiers in retaliation to unprovoked ceasefire violation by Pakistan. Pakistani soldiers retrieved the bodies of their killed personnel after showing white flag. (10.9.19/11.9.19) pic.twitter.com/1AOnGalNkO
— ANI (@ANI) September 14, 2019
पाकिस्तान 13 सितंबर को सफेद झंडा दिखाकर अपने सैनिकों के शव को ले गया। सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना मरे हुए सैनिक का सम्मान करती है इस लिए उनको ऐसा करने की अनुमति दी गई। मालूम हो कि पाकिस्तान इस साल 30-31 जुलाई को केरन सेक्टर में मारे गए अपने 5-7 सैनिकों का शव नहीं ले गया था।
माना जा रहा था कि मरने वाले सैनिक पंजाब से नहीं थे। सूत्रों का कहना था कि केरन सेक्टर में मरने वाले या तो कश्मीरी थे या फिर पाकिस्तान की नॉर्दन लाइट इंफेंट्री के सैनिक। पाकिस्तान इससे पहले भी कारगिल युद्ध के दौरान अपने मरे हुए सैनिकों का अपमान कर चुका है। उस समय भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी जवानों का अंतिम संस्कार किया था।
(साभार ANI)