मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए आदिवासियों के एक संगठन ने मंगलवार को घोषणा की कि वह सूबे में जनजातीय समुदाय के लिये आरक्षित चार लोकसभा सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार उतारेगा. इस घोषणा पर अमल की सूरत में मतों के संभावित बंटवारे के चलते चारों सीटों पर कांग्रेस की चुनावी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा ने कहा, “कांग्रेस ने नवंबर 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान हमें इस्तेमाल करने के बाद हमारे साथ सरासर वादाखिलाफी की है. इसलिये हम रतलाम, धार, खरगोन और बैतूल सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में अपने नेताओं को उतारेंगे. इन उम्मीदवारों के नामों की औपचारिक घोषणा 21 अप्रैल की शाम तक कर दी जायेगी.”

मुजाल्दा ने कहा, “कांग्रेस की ओर से हमें सत्ता में भागीदारी का भरोसा दिलाया गया था. हमसे यह भी कहा गया था कि रतलाम, धार, खरगोन और बैतूल सीटों पर प्रत्याशी चयन के मामले में हमारी राय को तवज्जो दी जायेगी. लेकिन कांग्रेस ने हमसे कोई वादा नहीं निभाया और इन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.”

जयस पिछले विधानसभा चुनावों से चर्चा में आया था

जयस सूबे के पिछले विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले सियासी गलियारों में चर्चा में आया था. उच्च शिक्षित आदिवासी युवाओं का खड़ा किया गया यह संगठन प्रदेश भर में पांच लाख लोगों की सदस्यता का दावा करता है. फिलहाल यह संगठन राजनीतिक दल के तौर पर चुनाव आयोग में पंजीकृत नहीं है.

गत विधानसभा चुनावों में उम्मीदवारी के लिये जयस ने कांग्रेस से पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल की कम से कम 15 विधानसभा सीटें मांगी थीं. लेकिन पूरा जोर लगाने के बावजूद उसे धार जिले के मनावर की केवल एक सीट मिल सकी थी. जयस के राष्ट्रीय संरक्षक हीरालाल अलावा इस सीट पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक चुने गये थे.

कांग्रेस द्वारा जयस की कथित उपेक्षा पर खुद अलावा भी नाराज हैं. नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सहायक प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर सियासी मैदान में उतरे इस युवा नेता ने कहा, “हम आदिवासियों के मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. मैं कांग्रेस के टिकट पर विधायक जरूर चुना गया हूं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे संगठन को कांग्रेस ने खरीद लिया है.”

मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं
मध्य प्रदेश की चार लोकसभा सीटों पर जयस द्वारा निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की घोषणा पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, “आदिवासियों के हितों को लेकर जयस के उठाये जाने वाले तमाम मुद्दों पर कांग्रेस गंभीर है. लिहाजा जयस को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिये जिससे अधिनायकवादी सोच वाली बीजेपी को लोकसभा चुनावों में कोई फायदा मिले.” प्रदेश में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं. इनमें शामिल छह संसदीय क्षेत्र-शहडोल, मंडला, रतलाम, धार, खरगोन और बैतूल अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिये आरक्षित हैं.

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