26 नवंबर 2017 को आम आदमी पार्टी की स्थापना  के 5 साल पूरे हुए. इस मौके पर पार्टी की तरफ से दिल्ली के रामलीला मैदान में 26 नवंबर को एक रैली का आयोजन भी किया गया था. इसके ठीक एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी को आय कर विभाग ने 30.67 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा. विभाग ने पार्टी से पूछा है कि 13 करोड़ की अघोषित संपत्ति के बारे में विभाग को सूचना क्यों नहीं दी. इसके अलावा विभाग ने उन 462 दान दाताओं का रिकॉर्ड नहीं रखने पर भी सवाल पूछे है, जिन्होंने करीब 6 करोड़ रुपये दान दिए हैं.

इस नोटिस में आयकर विभाग ने उन दानदाताओं की लिस्ट थमाई है जिन्होंने 20,000 रुपये से ज्यादा का चंदा दिया है.  आय कर विभाग ने यह नोटिस वित्त वर्ष 2014-15 और 2015-16 के लिए जारी किया है. विभाग ने असेसमेंट के दौरान कुल 68.44 करोड़ रुपये की आय भी पार्टी के खाते में जोड़ी है. नोटिस के मुताबिक पार्टी को जवाब देने के लिए कुल 34 बार मौके दिए गए हैं. लेकिन, पार्टी ने ठोस जवाब नहीं दिया. ये नोटिस आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें ला सकती है.

गौरतलब है कि इसी साल मई में आय कर विभाग ने आम आदमी पार्टी को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा था कि आप पर कानूनी कार्रवाई क्‍यों न की जाय? आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी से 16 मई तक इसका जवाब देने को कहा था. आम आदमी पार्टी ने अपने चंदे का ठीक ब्योरा न तो चुनाव आयोग को दिया और न ही आयकर विभाग को दिया था. आम आदमी पार्टी पर बैंक खाते का ब्योरा, पार्टी की वेबसाइट पर दिया गया फंड का ब्योरा और आयकर विभाग को दिया गया ब्योरा अलग-अलग रखने का आरोप है. आयकर विभाग के नोटिस पर आप ने कहा है कि हमारा चंदा सही है. ये आरोप आधारहीन है.

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