सोवियत क्रांति के जन नायक महान क्रांतिकारी लेनिन का अवदान विश्व इतिहास का प्रेरक और अविस्मरणीय दस्तावेज है ।सोवियत क्रांति के माध्यम से सारी दुनिया की शोषित और पीड़ित जनता के लिए यह विश्वास अर्जित करना संभव हुआ कि शोषण से मुक्ति संभव है ।सामंतवादी और साम्राज्यवादी सत्ता को ध्वस्त कर मेहनतकशों की सत्ता स्थापित हो सकती है ।

सोवियत क्रांति के बाद भारत सहित दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में स्वाधीनता के लिए जारी आंदोलनों ने गति पकड़ी ।भारत के स्वाधीनता आंदोलन को एक वैचारिक आधार मिला ।भगत सिंह और उनके साथियों ने लेनिन को अपना आदर्श माना ।लेनिन के प्रेरणा से भगत सिंह विकसित हुए ।

भगत सिंह ने भारत में भी मेहनतकशों की सत्ता स्थापित करने का आव्हान किया ।भगत सिंह अपनी शहादत के कुछ मिनटों पूर्व भी लेनिन की आत्म कथा पढ़ रहे थे ।तब भगत सिंह ने कहा था कि इस समय एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से मिल रहा है ।

भोपाल के मौलाना बरकतुल्ला भोपाली भी सोवियत क्रांति के बाद मास्को जाकर लेनिन से मिले थे तथा भारत की आज़ादी की लड़ाई के लिए मार्ग दर्शन लिया था । लेनिन एक महान कामरेड थे ।उनके आदर्श और सिद्धांतों से आज भी सारी दुनिया में

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