भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने अफगानिस्तान के हालात और वहां आए तालिबान के शासन को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जहां तक अफगानिस्तान की बात है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां से भारत आने वाली किसी भी समस्या से हम उसी तरह निपटें, जिस तरह हम भारत में आतंकवाद से निपटते हैं।

‘इंडिया-यूएस पार्टनरशिप- 21वीं सदी’ (India-US Partnership: Securing the 21st Century) में बोलते हुए जनरल रावत ने कहा कि अफगानिस्‍तान में जो कुछ हुआ है उसकी तेजी को देखते हुए हैरानी जरूर होती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि भारत ने सोचा था कि इसमें दो माह का समय लग सकता है। लेकिन ये सब कुछ हमारी सोच से पहले ही हो गया। वर्तमान में दो दशक के बाद तालिबान फिर से अफगानिस्‍तान में आ गया है। उन्‍होंने ये भी कहा कि वहां से आने वाली खबरों में तालिबान की सारी तस्‍वीर सामने आने लगी है। उनके मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ है क्‍योंकि वर्तमान में उसके सहयोगी बदल गए हैं। मौजूदा समय में तालिबान तो वही है लेकिन केवल उसके सहयोगी अलग हैं।

सीडीएस ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि अगर सहयोग से आतंकियों की पहचान या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कुछ खुफिया जानकारी मिले, तो इसका स्वागत होगा।”

जनरल रावत ने आगे कहा, “क्षेत्र में जब कहीं कुछ समस्या होती है, तो हमें उसकी चिंता होती है। हमारे उत्तर पर मौजूद पड़ोसी (चीन) ही नहीं, बल्कि हमारी पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) पर मौजूद पड़ोसी के पास भी परमाणु हथियार हैं। इसलिए हम दो ऐसे पड़ोसियों से घिरे हैं, जिनके पास ये कूटनीतिक हथियार हैं।”

 

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