भोपाल। इंदौर की माब लिंचिग की घटना के लिए जितने जिम्मेदार उपद्रवी हैं, उतनी ही गलती सरकार की भी मानी जाना चाहिए। सरकार की तरफ से जल्दबाजी में दिए गए बयान और इसके आधार पर प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही ने समाज में कसैलापान घोल दिया है। फरियादी और उसके पक्ष में खड़े लोगों पर ही मुकदमे लाद दिए जाना, कानून के लिए लोगों की आस्था कम होने की वजह बन सकता है।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष इरफानुल हक अंसारी ने ये बात पत्रकारवार्ता के दौरान कही। शुक्रवार को राजधानी भोपाल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर में हुई माब लिंचिंग की घटना के बाद वह हालात नहीं बनते, जो गृहमंत्री डॉ नरौत्तम मिश्रा के जल्दबाजी में दिए गए बयान से बन गए। उनके बयान के बाद ही प्रशासन का रुख बदल गया। वह अब सरकार के दबाव में लग रहा है। जिसके चलते पीड़ित और उसे न्याय दिलाने वालों पर ही मुकदमे थोप दिए गए।
इरफान उल हक ने कहा कि गृहमंत्री को अपनी कही बात और दिए गए निर्देशों पर पुनर्विचार करना चाहिए। साथ ही जल्दबाजी में हुई गलती के सुधार के लिए पीड़ित और बेगुनाहों पर लादे गए मुकदमे वापस लेना चाहिए।