पाकिस्तान की हिरासत में दो दिन रहने के बाद भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की शुक्रवार रात वतन वापसी हुई। वह नौ बजकर 21 मिनट पर वाघा बार्डर से अटारी बॉर्डर आए, जिससे पहले लाहौर में उनका मेडिकल चेक-अप हुआ था। उन्हें शाम चार बजे के आसपास रिहा किया जाना था, पर पाकिस्तान ने दो बार उन्हें भारत को सौंपने के समय में बदलाव किया।

अभिनंदन के साथ आईएएफ के ग्रुप कैप्टन जॉय थॉमस कुरियन भी थे, जो कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में डिफेंस अटैचे हैं। एयर वाइस मार्शल आरजीके कपूर ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर मीडिया से कहा कि अभिनंदन को भारत को सौंप दिया गया है। अब उनका विस्तार से मेडिकल चेकअप होगा। आईएएफ उन्हें वापस पाकर खुश है।

कैसे पाकिस्तान पहुंचे विंग कमांडर अभिनंदन

14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। इसके जवाब में 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया। वहीं 27 फरवरी को पाकिस्तान की ओर से 24 विमानों ने भारतीय हवाई सीमा का उल्लंघन किया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के हवाई हमले को बेअसर किया और एक एफ-16 विमान को मार गिराया गया। पाकिस्तान के जहाजों को खदेड़ने के दौरान भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन का मिग-21 क्रैश हो गया और वो पैराशूट के जरिए पाकिस्तान में उतरे। इसके बाद वहां उन्हें लोगों ने घेर लिया।

पाकिस्तान पहुंचने के बाद अभिनंदन ने क्या किया

विंग कमांडर अभिनंदन ने उतरते ही सबसे पहले पूछा कि वो किस देश में हैं और जब उन्हें जवाब नहीं मिला तो उन्हें शक हुआ। इस पर उन्होंने जय माता दी के नारे लगाए लेकिन इसके जवाब में स्थानीय लोगों ने कुछ नहीं कहा जिससे उनका शक पक्का हो गया कि वो भारत में नहीं हैं। लिहाजा उन्होंने अपने पास मौजूद दस्तावेज तालाब में फेंक दिए और कुछ को निगल गए जिससे देश के अहम जानकारी दुश्मन देश के हाथ न लगे। उनके साथ हिंसा भी की गई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं खोई। उन्होंने पाकिस्तान को देश की सुरक्षा से जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं दी।

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