दिल्ली: लोकसभा चुनाव के ठीक पहले आयकर विभाग ने कांग्रेस के कई नेताओं के करीबियों पर छापेमारी की है। पहले मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी के घर छापे में कई बड़ी जानकारियां सामने आई हैं। छापेमारी में अबतक 14।6 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई है। इतना ही नहीं आयकर विभाग ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान करीब 281 करोड़ रुपए की बेहिसाबी नकदी के अघोषित कैश कलेक्शन रैकेट का भी पता लगाया है। आयकर विभाग ने मध्य प्रदेश और दिल्ली के बीच हुए संदिग्ध भुगतान से जुड़ी डायरी और कंप्यूटर फाइलें अपने कब्जे में ली हैं।

जिसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के करीबी के घर भी छापेमारी की है। आरोप लगा कि कांग्रेस के पास करीब 20 करोड़ रुपये की रकम हवाला के जरिए आई है। अब इस मामले में अहमद पटेल के करीबी सूत्र ने पूरी जानकारी दी है।

करीबी सूत्र के दावे के मुताबिक, ‘अहमद पटेल पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं और जिसके घर आयकर विभाग ने छापा मारा वह एसएम मोइन उनका ही चीफ अकाउंटेंट है। सोमवार को वह पूरे दिन ऑफिस नहीं आया था, बताया गया कि वह बीमार है। अहमद पटेल शाम को उनके घर हालचाल लेने पहुंचे तो उन्हें छापेमारी की कोई जानकारी नहीं थी। उन्हें वहां पर जाने से भी किसी ने रोका नहीं था।’

अहमद पटेल वहां करीब 10 मिनट तक रुके, लेकिन बाद में छापेमारी हुई क्या हुआ उन्हें इसके बारे में पूछताछ नहीं है। अहमद पटेल के सूत्र ने कहा कि कांग्रेस किसी तरह के हवाला से ताल्लुक नहीं रखती है, इस तरह की बातें चुनाव से पहले कौन फैला रहा है इसका मालूम नहीं है।

बता दें कि सोमवार को जब आयकर विभाग की टीम राजधानी दिल्ली की गीता कॉलोनी में मोईन के घर छापेमारी के लिए पहुंची तो उनके साथ मीडियाकर्मी भी मौजूद थे। तभी लोकल लोगों ने वहां पर हंगामा किया और कई मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी की।

वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है, “मध्य प्रदेश में छापेमारी से कारोबार, राजनीति और सार्वजनिक सेवा समेत विभिन्न क्षेत्र के कई व्यक्तियों के जरिए 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जुटाने के व्यापक और सुसंगठित रैकेट का पता लगा है. सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए नीति तैयार करती है.

 

सीबीडीटी ने कहा कि विभाग को 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी के तुगलक रोड पर रहने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के घर से दिल्ली की बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय तक कथित तौर पर जाने के सुराग भी मिले हैं. सीबीडीटी ने देर रात एक बयान जारी कर कहा, “अब तक शराब की 252 बोतलों, कुछ हथियारों और बाघ की खाल के अलावा 14.6 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी मिली है.”

सीबीडीटी ने कहा, “नकदी का एक हिस्सा दिल्ली में बड़े राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजा गया है, जिसमें वह 20 करोड़ रुपये भी शामिल हैं जो हाल में हवाला के जरिए दिल्ली के तुगलक रोड पर रहने वाले वरिष्ठ पदाधिकारी के घर से राजनीतिक दल के मुख्यालय पहुंचाए गए.” हालांकि सीबीडीटी ने न तो राजनीतिक पार्टी की और न ही वरिष्ठ पदाधिकारी की पहचान उजागर की. बयान में बताया गया कि पैसा इकट्ठा करने के रिकॉर्ड और “हाथ से लिखी डायरी, कंप्यूटर फाइलें और एक्सेल शीट के रूप में नकदी की अदायगी के बारे में पता चला और वह उक्त खोजों से मेल खाता है.”

सीबीडीटी ने बताया कि दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारी के करीबी रिश्तेदार के समूह पर छापेमारी के क्रम में “230 करोड़ के बिहसाब लेनदेन की नकद पुस्तिका रिकॉर्डिंग, नकली बिलों के जरिए 242 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि की वसूली और कर चोरी करने वाली 80 कंपनियों से ज्यादा की जानकारी समेत अपराध साबित करने वाले साक्ष्य” जब्त किए गए हैं. सीबीडीटी ने कहा कि दिल्ली के पॉश इलाकों में कई बेहिसाबी/बेनामी संपत्तियों का पता लगा है. इसने कहा, “आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया गया है. ”

आयकर विभाग के छापे को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ चुन चुनकर एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने सवाल किया कि बीजेपी के उन नेताओं और उनके बेटों के यहां छापेमारी क्यों नहीं हो रही है जिन पर आरोप हैं?

पटेल ने कहा, ‘‘सरकार उनकी है, ऐजेंसी उनकी है और जो भी करना है कर लें. कोई भी दोषी है, उसके खिलाफ कार्यवाही करें, लेकिन कम से कम साथ-साथ जो बीजेपी के लोग हैं, उनके जो बेटे हैं, उनकी जो फाईलें पड़ी हैं, चाहे ईडी के पास हों, या सीबीआई के पास हों. उनकी भी तो कम से कम जांच करें, शुरुआत हो.’’

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