मै राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहते हुए ! आजसे चार साल पहले, और आज ही के दिन 9 जनवरी 2019 (2017 – 19) हमारे सिन्नर राष्ट्र सेवा दल के निमंत्रण पर, मेरी यात्रा के दौरान ! स्थानीय पत्रकार और सेवा दल सैनिक श्री. विलास पाटील के सौजन्य से और, हमारे सहयोगी साथी, नचिकेत कोळपकर के साथ ! जब विलास के घर में चाय – नास्ते के समय विलास ने कहा कि “हमारे सिन्नर में भी एक हजार साल पुराना इतिहास के कुछ अवशेष है ! और शायद आने वाले समय में वह नष्ट होने की संभावना है !” तो मैंने कहा कि सिन्नर छोडने के पहले मुझे देखना है ! तब विलास लेकर गए !
महाराष्ट्र के नासिक जिले के सिन्नर नामके जगह का, नेमाडपंथी शैली का 12 वी शताब्दी का, मंदिर भग्नावेषी स्थिति में चला जा रहा है ! और हम है कि और भी नए मंदिर बनाने की राजनीति कर रहे हैं ! क्या हमारे पूर्वजों ने भी अपने देश के लाखों मंदिरों का निर्माण, सिर्फ राजनीतिक उद्देश्य से ही किया था ? यह सवाल मुझे इस तरह के देश भर में भग्नावेषी जगहों की इमारतों को देखते हुए बार – बार मेरे जेहन में आते हैं !
और सबसे हैरानी की बात ! उस मंदिर के परिसर में, बाकायदा प्रोफेशनल मूवी के कैमरे के सामने ! अजिबोगरीब पोज में तरुण लड़की और लडकों के साथ कुछ शूटिंग भी जारी थी ! पहले लगा कि यह नयी शादी करके आए हुए, जोडे होंगे ! लेकिन जिस बेशर्मी के साथ वह अपने एक दूसरे के साथ खुल्लम-खुल्ला प्यार का प्रदर्शन कर रहे थे ! तो मुझे संशय हुआ ! तो मैंने विलास को ही पूछा कि “यह माजरा क्या है ?” तो उसने कहा कि “यहाँ नासिक, पुणे तथा मुंबई से भी गाडीया आती है ! और यह सब शायद शौकीन या कुछ वीडियो बनाने वाले प्रोफेशनल लोग है ! और यह सिलसिला काफी दिनों से चल रहा है !” तो मैंने कहा “कि यह ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है ! और इसकी जिम्मेदारी पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आने वाली ! ऐतिहासिक महत्व की जगह है ! और यह लोग इस तरह की हरकतों से तो, बड़ी मुश्किल से यह मंदिर खडा है ! कभी दो – तीन स्केल का भी भूकंप आया या बड़ा तुफान – बारिश में कुछ भी हो सकता है ! और यह लोग मंदिर की दिवारों से लेकर कहाँ – कहाँ चढते – उतरने के, बंदरो जैसे हरकतों से ! और भी नुकसान पहुंचा सकते हैं ! इसे अविलंब रोकने की जरूरत है ! तो विलास ने सब से पहले स्थानीय पुलिस को सूचना दी ! तो पुलिस हमारे सामने ही तुरंत पहुंच गई थी ! लेकिन मुझे अगले कार्यक्रम के लिए बुलावा आ रहा था ! तो मैं निकल गया ! फिर विलास ने आगे और क्या – क्या कारवाई की वह पता नहीं !
पर तथाकथित मॉरल पुलिस वालों का कही अता-पता नही था ! नही तो किसी सिनेमा में कौन से कपड़े पहने है ? या सिनेमा के दृष्यो से लेकर, डायलॉग तक पर हंगामा करने वाले लोगों को ! यह सब कैसे चलता है ? या अपने ही तथाकथित हींदू ! लोगों की उलजूलूल हरकतों को रोकने का काम तो दूर ! शायद उनसे मिलीभगत से ही यह सब होता होगा ! तथाकथित हिंदुराष्ट्र के इन्हीं पाखंडीयो के कारण संपूर्ण हिंदू धर्म की बदनामी हो रही है ! और इसी तरह के लोग लगभग सभी धार्मिक स्थलों पर भरे पड़े हैं ! किसी को पंडा बुलाया जाता है, तो किसिको पूजारी ! लेकिन ज्यादातर गुंडों के जैसे ही व्यवहार करने वाले ! लोगों के कब्जे में, ज्यादातर मंदिरों के प्रांगण भरे पड़े हैं ! और वैसे ही धर्म के आधार पर राजनीति करने वाले भी ! यह सब कुछ देखकर, ‘हिंदू बनाम हिंदू’ डॉ. राम मनोहर लोहिया का निबंध याद आ रहा है !
और मेरी इस पोस्ट को देखने के बाद ! कुछ लोगों के तरफसे तुरंत प्रतिक्रिया आयेगी ! “की विदेशी हमलावरों ने !” (और मुख्यतः मुस्लिम !) लेकिन इतिहास के क्रम में विश्व भर में अलग – अलग लोगों ने नए जगहों की तलाश में, इस तरह की हरकते की है ! जिसका जिवंत उदाहरण जेरुसलेम है ! (पॅलेस्टाईन – इस्रायल) पीछले सात हजार साल पहले से झगड़ा जारी है ! जब समस्त विश्व में ! स्थापित एकमात्र वह भी, सिर्फ यहुदी धर्म की स्थापना हुई थी ! और इस्लाम को शुरू होने में पांच हजार से अधिक समय लगा है ! और इसाई को गिनकर 2023 और 9 जनवरी ! (अंग्रेजी कॅलेंडर की शुरुआत ही इसाई धर्म की स्थापना से शुरू हुई है ! ) इसलिए तात्कालिक राजनीतिक लाभ के लिए ! मंदिर- मस्जिदों की राजनीति करने वालों के लिए ! विशेष रूप से, मै यह लक्षवेधी पोस्ट कर रहा हूँ ! भले ही किसी को नागवार लगे ! क्योंकि हमारे देश की असली समस्याओं की अनदेखी कर के ! भावनाओं को भड़काने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से ! संघ के सौ साल के इतिहास में ! आम लोगों की समस्या को लेकर शायद ही कोई काम किया हो ?
शायद संघ ने, गत तीस – पैतिस सालों से अधिक समय से ! प्रायोजित तरिकोसे, मंदिरों की राजनीति का सूत्रपात किया है ! लेकिन हमारे अपने देश में, सिन्नर जैसे लाखों की संख्या में, एतिहासिक धरोहर नष्ट हो रहे हैं ! उसके बारे में जानबुझकर अनदेखी की जा रही है ! शायद आने वाले समय में, संघ के भावी लोगों को, और राजनीतिक मुद्दे उपलब्ध हो ! और लोगों के रोजमर्रे के सवाल हाशिये रहे ! और पूरी राजनीति ‘सवाल आस्था का है ! कानून का नही’ पर ही चलती रहे ! जय श्री राम जय जय !
डॉ सुरेश खैरनार 10 जनवरी 2023, नागपुर