जयपुर नगर निगम, हेरिटेज, ने बुधवार को कहा कि वे उन लोगों को लीज डीड जारी करेंगे जिनके पास वालड सिटी में जयपुर के उनके पूर्व शासकों द्वारा दी गई जमीन के दस्तावेज हैं।

यह नया नियम 1959 से पहले दिए गए दस्तावेजों के मामले में ही लागू होगा क्योंकि इसके बाद राज्य सरकार में आराम करने वाले लोगों को शक्ति प्रदान की जाएगी। यह नया कार्यान्वयन ‘प्रशासन शहरों की और’ अभियान के तहत लिया गया था।

कई परिवार ऐसे हैं जो दशकों से उन हवेलियों में रह रहे हैं जो उन्हें उनके पूर्वजों ने दी थीं। कुछ परिवार ऐसे भी हैं जिन्हें जयपुर के शासकों द्वारा उस युग में प्रदान की गई सेवाओं के बदले में हवेलियाँ मिलीं।

जयपुर नगर निगम हेरिटेज के मेयर मुनेश गुर्जर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ऐसी जमीनों को कानूनी दर्जा देना जरूरी है क्योंकि यहां के लोग पीढ़ियों से रह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘शहर के लोग इसका इंतजार कर रहे हैं और प्रशन शहरों की और अभियान उनके पक्ष में एक सकारात्मक अभियान है।’

वाल्ड सिटी के कुछ निवासियों का मानना ​​है कि इस सुविधा से पांच प्रतिशत आबादी को लाभ होगा, क्योंकि बहुत कम लोगों के पास अपने दस्तावेज हैं।

मीडिया एजेंसी को जेएमसी सुरेंद्र यादव ने कहा, मालिक को तय करने में कोई समस्या नहीं होगी क्योंकि वे उस व्यक्ति को लीज डीड देंगे जिसके पास संपत्ति है।

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