उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित महिला से बालात्कार और हत्या की वारदात पर भी जातिवादी राजनीति होने से अमानवीय वर्ण व्यवस्था की क्रूरता फिर एक बार उजागर हुई है । यह त्रासदी सभ्य समाज पर कलंक है । इसका प्रतिरोध और इस हेतु जन शिक्षण बेहद जरूरी है ।

हाथरस की वारदात पर सभी अपराधियों को कठोरतम दण्ड मिलना ही चाहिए। अपराधियों को सरंक्षण देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होना चाहिए ।

सरकार द्वारा अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है, इस अत्याचार का प्रतिरोध करने वालों को प्रताड़ित और अपमानित कर विवादित बनाया जा रहा है, यह सब अब अमानवीयता की इंतेहा है

प्रताड़ित परिवार को समुचित संरक्षण मिलना ही चाहिए। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित हो ।

शैलेन्द्र शैली

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