भोपाल। दो दिन पहले शिफा अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में एक कर्मचारी की पिटाई और दाढ़ी काटने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बड़ी तादाद में पहुंचे लोगों ने अस्पताल पहुंचकर भारी हंगामा मचाया। इधर मामला बिगड़ते देख अब अस्पताल प्रबंधन ने इस बात से पल्ला झाड़ लिया है कि आरोपियों का अस्पताल सोसायटी से कोई वास्ता है। इधर मप्र वक्फ बोर्ड ने भी अस्पताल संचालन में किसी तरह के दखल से इंकार कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि अस्पताल की सिर्फ जमीन वक्फ बोर्ड की है, जो किराए से दी गई है। इसका संचालन कमेटी द्वारा किया जाता है।
कबाड़खाना स्थित शिफा अस्पताल पर शुक्रवार शाम को बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए। उन्होंने भारी हंगामा करते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने हाफिज अतीक की पिटाई करने और उनकी दाढ़ी काटने के आरोपी मोहसिन, मुदस्सिर और शहरोज की गिरफ्तारी की मांग की। समझाइश के बाद ये भीड़ यहां से हटी लेकिन उन्होंने सोमवार तक दोषियों की गिरफ्तारी, उनके सोसायटी से बर्खास्तगी और अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि इसके बाद आंदोलन को उग्र किया जायेगा।
इधर पूर्व पार्षद शाहवर मंसूरी, अनवर पठान आदि ने मप्र वक्फ बोर्ड कार्यालय पहुंचकर सीईओ जमील खान को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने शहर क़ाज़ी सैयद मुश्ताक अली नदवी को भी ज्ञापन दिया। इन्होंने भी ड्राईवर अतीकुर्रहमान खान के साथ की गई मारपीट को लेकर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने आरोपी मोहसिन, मुदस्सिर और शहरोज़ की गिरफ्तारी की मांग की है।
मोहसिन नहीं सोसायटी का मेंबर
इधर शिफा अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि मोहसिन, मुदस्सिर या शहरोज में से कोई भी उनकी सोसायटी का मेंबर नहीं है। उनका कहना है कि मोहसिन एक सामाजिक कार्यकर्ता है और उसका अस्पताल में आना जाना है। प्रबंधन के मुताबिक शिफा अस्पताल की सोसायटी फर्म्स एंड सोसायटी से रजिस्टर्ड है और इसके अध्यक्ष डॉ आसिम हैं। इसके विपरीत शहरभर में चर्चा आम है कि पूर्व में हयात अस्पताल के नाम से संचालित हॉस्पिटल की व्यवस्था मोहसिन खान ने सम्हाल ली है। वे पूरे शहर में इस बात को प्रचारित भी कर रहे हैं कि शिफा अस्पताल उन्होंने टेक ओवर कर लिया है। हाफिज अतीक पिटाई मामले में आरोपी बनाए गए दो अन्य व्यक्ति मुदस्सिर और शहरोज मोहसिन के बॉडी गार्ड हैं। अस्पताल प्रबंधन का अगर ये दावा है कि मोहसिन और बाकी लोगों का अस्पताल की सोसायटी से कोई लेनादेना नहीं है तो ऐसे में प्रबंधन को इन लोगों के खिलाफ खुद ही पुलिस को शिकायत करना चाहिए कि उनके अस्पताल में बाहरी व्यक्तियों द्वारा आकर गुंडागर्दी की गई है।
वक्फ बोर्ड ने किया किनारा
मप्र वक्फ बोर्ड ने इस मामले से खुद को पूरी तरह अलग खड़ा कर लिया है। बोर्ड का कहना है कि शिफा अस्पताल जिस जगह पर बना है, वह जगह बोर्ड के आधिपत्य की है, जिसकी किरायादरी बोर्ड ने अस्पताल प्रबंधन से की हुई है। बोर्ड सीईओ जमील खान का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन में बोर्ड का कोई हस्तक्षेप नहीं है। इसलिए इस मामले में बोर्ड की तरफ से किसी कार्यवाही की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर अब पुलिस जांच कर रही है। जिसके बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सजा मिलेगी।
आगे क्या…
=थाना हनुमानगंज में दर्ज शिकायत के बाद जांच जारी है। आरोपी मोहसिन, मुदस्सिर और शहरोज की गिरफ्तारी होना बाकी है। लेकिन कई रसूखदार मामले को रफा दफा करने में जुट गए हैं।
=मप्र वक्फ बोर्ड इस मामले में क्या एक्शन लेना है, इसको लेकर लगातार बैठक कर रहा है।
=अस्पताल प्रबंधन इस बात पर विचार कर रहा है कि शहर में हो रही बदनामी से बचने के लिए पुलिस को शिकायत दर्ज कराए कि बिना किसी अधिकार आरोपियों ने अस्पताल में आकर उनके कर्मचारी की पिटाई की है।
=घटना से नाराज लोगों ने अस्पताल प्रबंधन और एमपी वक्फ बोर्ड को सोमवार तक कार्यवाही करने की मोहलत दी है। उसके बाद उन्होंने अस्पताल में तालाबंदी करने की चेतावनी दी है।
=फरियादी हाफिज अतीक ने भी सोशल मीडिया के जरिए चेतावनी दी है कि दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो वह आत्मदाह कर लेंगे।