महाराष्ट्र और राजस्थान के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी बारिश और बाढ़ का असर दिखने लगा है। राज्य के 21 जिलों के 357 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। जिनमें हमीरपुर, जालौन और बुंदेलखंड सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. बंदायू, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है जबकि वाराणसी में जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर छत के ऊपर शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है।

मिर्ज़ापुर में बाढ़ लोगों के लिए मुसीबत बनकर आई है। किसानों के खेत-खलिहान और घरों में पानी घुस गया है. लोग अपने पशु व समान को सुरक्षित जगह ले जा रहे हैं। शहर के प्रमुख घाट पूर्ण रूप से डूब चुके हैं। एक तरफ बाढ़ से लोग परेशान हैं वही दूसरी ओर लोग घाटों को पिकनिक स्पॉट, पिकनिक डेस्टिनेशन बनाकर सेल्फी लेने व वीडियो बनाने में मस्त हैं।

वहीं, वाराणसी में अभी गंगा खतरे के निशान से 8 सेंटीमीटर नीचे हैं लेकिन, रविवार को गंगा के बढ़ने की रफ्तार प्रति घंटे 2 सेंटीमीटर थी लिहाजा 22 सेंटीमीटर पानी बढ़ा था। जिसकी वजह से गंगा के तटवर्ती इलाकों के लगभग आधा दर्जन मोहल्लों में गंगा का पानी चला गया है। बनारस के घाटों का संपर्क आपस में टूट गया है। मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट पर छत के ऊपर डेड बॉडी का क्रीमेशन हो रहा है। गलियों में पानी भर जाने की वजह से शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने में लोगों को असुविधा हो रही है। एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य के लिए तैयार है और गंगा का पानी अगर इसी तरह बढ़ता रहा तो कई इलाकों में घरों में पानी अंदर चला जाएगा।

इटावा-औरैया में चंबल नदी का खौफ
सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर ढाई बजे के करीब औरैया के गेल दिबियापुर पहुंचेंगे। जहां से वह ककोर जाएंगे। यहां जिला प्रशासन अधिकारियों के साथ बैठकर बाढ़ग्रस्त इलाकों की समीक्षा करेंगे। इसके बाद शाम 4 बजे वह इटावा का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।

इटावा में 60 गांव तो औरैया में 40 गांव बाढ़ से प्रभावित
इटावा में चंबल नदी रविवार रात तक 1 मीटर बढ़ गई। इस समय चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसकी वजह से लगभग 60 से ज्यादा गांव बाढ़ प्रभावित हैं। यही नहीं, यहां यमुना का पानी भी खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। केंद्रीय जल आयोग के स्थल प्रभारी प्रेम कमल के मुताबिक, यमुना का जलस्तर रविवार सुबह 121.72 मीटर पर था। जो रविवार देर रात 121.79 मीटर पहुंच गया।

चंबल नदी में बढ़े पानी की वजह से यमुना का भी जलस्तर बढ़ गया है। औरैया में भी नदी किनारे बसे लगभग 40 गांव बाढ़ से ग्रस्त हैं। इनका मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ राहत कार्यों में जुटी हुई है।

वाराणसी: 10 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित
मोक्षदायिनी गंगा वाराणसी में अब विध्वंसकारी रूप में नजर आ रही है। सोमवार की सुबह 8 बजे गंगा वाराणसी में खतरे के निशान 71.262 मीटर से 12 सेंटीमीटर ऊपर 71.38 मीटर पर बह रही थीं। गंगा के पलट प्रवाह की वजह से वरुणा भी तेजी से उफनाई है। वाराणसी में इन दोनों नदियों में आई बाढ़ की वजह से तटवर्ती इलाकों में रहने वाले हजारों लोग मुश्किलों में घिर गए हैं।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि जिले की लगभग 10 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित है। गांव, ब्लॉक, तहसील और जिला स्तर के सभी अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की समस्याएं गंभीरता से सुनने और तत्काल समाधान का निर्देश दिया है।

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