सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को निलंबित कर दिया और गतिरोध को हल करने के लिए केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत की सुविधा के लिए एक समिति गठित करने का फ़ैसला किया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह समस्या को हल करने के बारे में चिंतित है।
सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की याचिका पर खेत नेताओं को नोटिस भी जारी किया।
किसान नेताओं ने मंगलवार को तीन कृषि कानूनों को लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया, लेकिन कहा कि जब तक विधायकों को निरस्त नहीं किया जाता तब तक वे अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे। लगभग 40 प्रदर्शनकारी किसान संघों की एक छत्र संस्था संयुक्ता किसान मोर्चा ने कार्रवाई के अगले पाठ्यक्रम को तय करने के लिए दिन में एक बैठक बुलाई है।
7 जनवरी को केंद्र और किसान यूनियनों के बीच आठवें दौर की बातचीत किसी निष्पक्ष पर नहीं पोह्ची क्योंकि केंद्र ने विवादास्पद कानूनों को खारिज कर दिया, जबकि किसान नेताओं ने कहा कि वे मौत तक लड़ने के लिए तैयार हैं और उनका ‘घर वापसी’ तब ही होगा जब ‘कानून वापस’ होगा।