फरीदाबाद: हरियाणा के पलवल में एक मतदान केंद्र पर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश के आरोप में बीजेपी के एक पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार किया गया है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी हुई. हालांकि, बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस बीच, चुनाव आयोग ने उक्त मतदान केंद्र पर फिर से मतदान कराने का आदेश दिया है.
फरीदाबाद के असावटी गांव में हुई थी घटना
सोमवार को एक बयान जारी कर आयोग ने कहा, ‘‘पर्यवेक्षक की ओर से की गई जांच में शिकायत सही पाई गई. इसलिए आयोग ने इस मतदान केंद्र पर 19 मई को नए सिरे से मतदान कराने के आदेश दिए हैं.’’ यह घटना फरीदाबाद लोकसभा सीट के तहत आने वाले असावटी गांव में हुई, जहां 12 मई को मतदान हुआ था.
चुनाव आयोग ने संबंधित पीठासीन अधिकारी को कर्तव्य में शिथिलता के आरोप में निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू की जाएगी. मतदान की गोपनीयता के उल्लंघन के कारण फिर से मतदान कराने के आदेश दिए गए हैं. आयोग ने कहा कि पोलिंग एजेंट गिरिराज सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 171-सी, 188 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 135 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पीठासीन अधिकारी अमित अत्री निलंबित
बयान के मुताबिक, ‘‘पीठासीन अधिकारी अमित अत्री को कर्तव्य में शिथिलता के लिए निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी शुरू की जा रही है. माइक्रो ऑब्जर्वर (पर्यवेक्षक) सोनल गुलाटी ने सही तरीके से घटना की रिपोर्ट नहीं दी, जिसके कारण उन पर चुनाव से जुड़े किसी भी काम को करने के लिए तीन साल तक की रोक लगा दी गई है.’’
घटना पर तत्काल कार्रवाई नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी 10 का तबादला कर दिया गया है और आयोग ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उनकी जगह लेने के लिए तीन योग्य अधिकारियों के नाम तत्काल भेजें. चुनाव आयोग की शिकायत पर पोलिंग एजेंट को गिरफ्तार किया गया था. बाद में उसे जमानत दे दी गई.
वीडियो क्लिप में आरोपी शख्स ईवीएम के पास गया और या तो उसने खुद से बटन दबाया या कम से कम तीन वोटरों को उसने किसी खास पार्टी का बटन दबाने के लिए कहा. इस वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोगों ने चुनाव आयोग को ट्विटर पर टैग किया और कार्रवाई के लिए कहा, तब जाकर आयोग ने जांच बिठाई.